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पाकिस्तान में अब भी अमेरिका को खतरा, US के लोगों के लिए जारी की ये एडवाइजरी

अमेरिका (America) ने ईरान के टॉप सेना कमांडर कासिम सुलेमानी को मारने के बाद पाकिस्तान में रहने वाले अपने नागरिकों के लिए एक एजवाइजरी जारी की है.

Updated on: 03 Jan 2020, 11:12 PM

नई दिल्‍ली:

अमेरिका (America) ने ईरान के टॉप सेना कमांडर कासिम सुलेमानी को मारने के बाद पाकिस्तान में रहने वाले अपने नागरिकों के लिए एक एजवाइजरी जारी की है. अमेरिका ने कहा कि इराक में हुए हमले के बाद इसका रिएक्शन देखने को मिल सकता है, इसीलिए पाकिस्तान में मौजूद अमेरिकी सरकार के कर्मचारियों को कहीं भी आने जाने की इजाजत नहीं दी गई है. उनसे कहा गया है कि फिलहाल वे आधिकारिक या पर्सनल ट्रैवल न करें.

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पाकिस्तान के इस्लामाबाद में स्थित अमेरिकी दूतावास (US Embassy) ने बगदाद में हालात को बिगड़ते देखकर पाकिस्तान के अलावा बगदाद और आसपास के इलाकों में मौजूद अपने सभी अमेरिकी नागरिकों से तुरंत प्रभाव से इराक छोड़ने के लिए कहा है. साथ ही एक प्रेस रिलीज में अमेरिकी दूतावास ने सभी नागरिकों को तीन बातों का भी ध्यान रखने के लिए कहा है- अमेरिकी दूतावास ने कहा कि अमेरिकी नागरिक इराक ट्रैवल ना करें, अमेरिकी दूतावास के पास न जाएं, हर छोटी-बड़ी खबर पर ध्यान जरूर रखें.

इससे पहले मेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ने अमेरिकी हवाई हमले में ईरान के टॉप सेना कमांडर कासिम सुलेमानी को मारने के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ईरान ने कभी युद्ध नहीं जीता है, लेकिन कभी वार्ता में नहीं हारा है!. ईरान के कमांडर को मारने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने शुक्रवार सुबह अपने ट्विटर हैंडल से अमेरिका के झंडे को ट्वीट किया था, लेकिन कोई शब्द नहीं लिखा था. ईरान के टॉप कमांडर की मौत के बाद अमेरिका और ईरान में तनाव बढ़ गया है, जिससे पूरी दुनिया चौंक गई है.

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यूएस के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आगे कहा कि जनरल कासिम सुलेमानी ने हजारों अमेरिकियों को मार डाला था या बुरी तरह से घायल कर दिया था या कई और को मारने की साजिश रच रहा था, लेकिन पकड़ा गया. वह लाखों लोगों की मौत के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार था, जिसमें हालिया बड़ी संख्या में मरने वाले अमेरिका के लोग भी शामिल थे.

उन्होंने आगे कहा कि ईरान में ही कई प्रदर्शनकारी मारे गए थे. जबकि ईरान कभी भी इसे ठीक से स्वीकार नहीं कर पाएगा. देश के भीतर कासिम सुलेमानी का नफरत और डर था. वे लगभग उतने दुखी नहीं हैं जितने नेता बाहरी दुनिया को मानने देंगे. उसे कई साल पहले निकाला जाना चाहिए था.