अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से अटॉर्नी जनरल पद के लिए नामित उम्मीदवार जेफ सेसंस ने एच1बी और एल1 वर्क वीजा के दुरूपयोग को रोकने के लिए कानूनी कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
बता दें कि एच1बी और एल1 वर्क वीजा भारतीय आईटी पेशेवर द्वारा खूब इस्तेमाल किया जाता है। इस लिहाज से अमेरिकी में काम कर रहे भारतीयों के लिए यह चिंता वाली बात हो सकती है।
सीनेटर जेफ सेशंस ने अमेरिका के अटॉर्नी जनरल पद पर अपनी नियुक्ति संबंधी सुनवाई के दौरान सीनेट की न्यायिक समिति के सदस्यों से कहा, 'यह सोचना गलत है कि हम पूरी तरह खुली दुनिया में रहते हैं और यदि दुनिया में कोई कम वेतन पर नौकरी कर रहा है तो किसी अमेरिकी की नौकरी उसे दे दी जाए।'
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सेशंस ने सिनेटर चार्ल्स ग्रासले के एक सवाल के जवाब में कहा, 'हमारे देश की सीमाएं हैं। अपने नागरिकों प्रति हमारी जवाबदेही है। आप भी इसके समर्थक रहे हैं। मैंने इस मामले पर आपके साथ काम करके सम्मानित महसूस किया है।'
बता दें कि सेशंस एवं ग्रेसले दोनों ने पहले भी एच1बी वीजा पर कानून लाने के लिए मिलकर काम किया है। इस कानून से भारतीय आईटी कंपनियों को काफी नुकसान पहुंचा था।
ग्रासले ने पूछा, 'ओबामा प्रशासन यहां अमेरिकी कामगारों का हित साधने में नाकाम रही। यह मेरा सवाल है कि क्या आप ऐसे वीजा प्रोग्राम को खत्म कराने में ज्यादा आक्रामक भूमिका निभाएंगे।'
सेशंस ने जवाब दिया, 'इस प्रस्ताव का समर्थन कर मुझे खुशी होगी। साथ ही कुछ और सुझाव भी हैं और मुझे लगता है कि मैं इस काम में सहयोग करूंगा।'
गौरतलब है कि सेशंस, ग्रासले और सिनेटर डिक डर्बिन ने मिलकर पूर्व में एक विधेयक लाने की अनुशंसा की थी जिसमें एच-1बी वीजा प्रोग्राम को बदलने की बात कही गई थी। इनका मानना था कि अमेरिका के बाहर के लोगों को काम या नौकरी देने से पहले अमेरिकी कामगारों के हित का ध्यान रखा जाए।
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HIGHLIGHTS
- चुनाव से पहले से ट्रंप उठाते रहे हैं एच-1बी वीजा का मुद्दा
- भारतीय आईटी पेशेवर द्वारा अमेरिका में काम के लिए एच-1बी वीजा का बहुतायत में इस्तेमाल होता है
Source : News Nation Bureau