एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान (आतंकी ठिकानो पर) पर 2016 में अमेरिका की ओर से होने वाले बमबारी में रिकॉर्ड कमी आई है। यह बदलाव पाकिस्तान के उन कबायली इलाकों में आतंकियों के खिलाफ अभियान के बाद हालात में बेहतर बदलाव की वजह से हुआ है, जिसका इस्तेमाल पहले अफगानिस्तान में अमेरिकी और अफगानिस्तानी सैनिकों पर हमले के लिए होता था।
डॉन ऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश संबंध परिषद के अध्ययन में रक्षा विशेषज्ञों ने कहा है कि अमेरिका ने बीते साल इराक और सीरिया में 24,000 से ज्यादा बम गिराए। इसकी तुलना में पाकिस्तान में 2016 में तीन बम गिराए गए।
बीते समय में अफगानिस्तान के अंदर ठिकानों पर बड़े पैमाने पर आतंकी हमलों या पाकिस्तान के कबायली इलाकों में आतंकवादी गतिविधियों के कारण अमेरिका को पाकिस्तान में कई ठिकानों पर बमबारी करनी पड़ती थी।
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पाकिस्तान ने 2014 से संघ प्रशासित कबायली इलाकों (एफएटीए) में आतंकवादियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान शुरू किया था। इस व्यापक सैन्य अभियान से आतंकवादी हमलों में कमी आई है और इसी अनुपात में अमेरिकी बमबारी में भी कमी आई है।
आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका ने अब अपना ध्यान पाकिस्तान-अफगानिस्तान क्षेत्र से अलग कर इराक और सीरिया के आतंकवादियों पर लगाया है। साल 2016 में हुई ज्यादातर बमबारी में इन दोनों देशों में आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट के ठिकानों को नष्ट किया गया।
इन दो देशों में बमबारी का बढ़ना ओबामा प्रशासन के विदेशी जमीन पर अमेरिका के जमीनी लड़ाई अभियानों में हिस्सा नहीं लेने के दृढ़ संकल्प को भी दिखाता है। बीते साल अमेरिका ने सात देशों में 26,171 बम गिराए।
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Source : News Nation Bureau