अमेरिकी रक्षामंत्री (Photo Credit: फाइल)
नई दिल्ली:
भारत चीन के एलएसी विवाद पर अमेरिका भी अपनी नजरें जमाए हुए है. अमेरिकी रक्षामंत्री मार्क टीए एस्पर ने इस मामले में बातचीत करते हुए बताया कि भारत चीन सीमा विवाद पर अमेरिका अपनी नजरें बनाए हुए है. उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिका लगातार भारत और चीन के बीच हालात सुधारने की कोशिश में लगा हुआ है. मीडिया से बातचीत के दौरान अमेरिकी रक्षामंत्री ने बताया कि, वो 21वीं सदी के सभी महत्वपूर्ण रक्षा संबंधों में से एक भारत के साथ अपने बढ़ते रक्षा सहयोग को उजागर करना चाहते हैं. उन्होंने आगे बताया कि हमने भारत के साथ पिछले नवंबर में अपना पहला संयुक्त सैन्य अभ्यास किया था.
China's military exercise on & around disputed features are apparently inconsistent with its commitment set out in 2002 declaration on the conduct of parties in South China Sea. While we hope CCP will change its ways, we must be prepared for alternative: US Secretary of Defense pic.twitter.com/isUPdDrhP4
— ANI (@ANI) July 21, 2020
उन्होंने आगे बताया कि हम पहले भी इस बात का जिक्र करते हुए आए हैं कि हम यूएसएस निमित्ज हिंद महासागर में भारतीय नौसेना के साथ लगातार संयुक्त अभ्यास कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि भारत और अमेरिका की नौसेना की साझा अभ्यास हमारी मजबूत प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है. उन्होंने यह भी बताया कि हम स्पष्ट रूप से भारत और चीन के बीच की स्थिति पर बहुत बारीकी से निगरानी कर रहे हैं, वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ क्या हो रहा है और हम यह देखकर बहुत खुश हैं कि दोनों पक्ष इस स्थिति से बचने की कोशिश कर रहे हैं.
As we speak today, USS Nimitz is conducting combined exercise with Indian Navy in the Indian Ocean, demonstrating our shared commitment to stronger naval cooperation & support to a free & open Indo-Pacific: US Secretary of Defense Mark T Esper https://t.co/YSJHtLGGF8
— ANI (@ANI) July 21, 2020
विवादित सुविधाओं पर और उसके आसपास चीन की सैन्य कवायद जाहिर तौर पर दक्षिण चीन सागर में पार्टियों के आचरण पर 2002 की घोषणा में अपनी प्रतिबद्धता के साथ असंगत है। जबकि हमें उम्मीद है कि सीसीपी अपने तरीके बदल देगा, हमें वैकल्पिक के लिए तैयार रहना चाहिए.