राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी अदालत से करारा झटका लगा है। अदलात ने ट्रंप सरकार के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है जिसमें उन्होंने सात मुस्लिम देशों के नागरिकों के अमेरिकी यात्रा पर प्रतिबंध को तत्काल बहाल किए जाने की मांग की थी।
जस्टिस डिपार्टमेंट के वकीलों ने निचली अदालत के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें सात मुस्लिम देशों के नागरिकों के अमेरिका यात्रा पर प्रतिबंध लगाने वाले विवादित आदेश को लागू करने पर अस्थायी रोक लगा दी गई थी।
ये भी पढ़ें: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन सीमा पर शांति बहाली का वादा किया
दूसरे देश के लोगों को अमेरिका में स्वीकारने या नकारने को राष्ट्रपति का संप्रभु अधिकार बताते हुए जस्टिस डिपार्टमेंट के वकीलों ने अदालत को बताया कि वॉशिंगटन और मिनेसोटो प्रातं को प्रतिबंध को चुनौती देने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए और ट्रंप के आदेश को जज का रोकना गलत है।
वहां के कार्यवाहक सलिसिटर जनल फ्रांसिस्कों ने एक बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रपति की प्रतिबद्धता की न्यायिक अवेहलना करना संविधान के हिसाब से नाजायज घुसपैठ होगी।
हालांकि अदलात के शुक्रवार को आए फैसले के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति बुश के नियुक्त किए गए डिस्टि्रक्ट जज जेम्स रॉबर्स का ट्विटर पर मजाक भी उड़ाया था और कहा था कि तथाकथित जज के बेतुके फैसले को बदल दिया जाएगा।
ये भी पढ़ें: ट्रंप ने यात्रा प्रतिबंध फैसला रद्द होने के खिलाफ अपील की, सिएटल की अदालत ने मुसलमानों की एंट्री के फैसले पर लगाई थी रोक
ट्रंप ने उस वक्त ये विश्वास जताया था कि हम देश की सुरक्षा के लिए जीत जाएंगे। वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि जिन लोगों के पास वैध वीजा है वे अमेरिका आ सकते हैं। वकीलों ने बैन किए गए सात देशों के यात्रियों को ट्रंप के इस फैसले के खिलाफ कानूनी लड़ाई के लिए जल्द से जल्द अमेरिका आने की भी सलाह दी है।
Source : News Nation Bureau