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अमेरिका और ब्रिटेन ने अब मुस्लिम देशों की उड़ानों में लैपटॉप-टैबलेट लेकर यात्रा करने पर रोक लगाई

अमेरिका ने मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के आठ देशों से आने वाली कुछ उड़ानों में इलेक्ट्रानिक सामान जैसे लैपटॉप और टैबलेट को ले जाने से प्रतिबंधित कर दिया है।

Updated on: 22 Mar 2017, 07:28 AM

वॉशिंगटन:

अमेरिका और ब्रिटेन ने भी मुस्लिम बहुल छह देशों से आने वाली उड़ानों में यात्रियों को लैपटॉप और टैबलेट अपने साथ लेकर यात्रा करने पर रोक लगा दी है। दोनों देशों का कहना है कि हवाई सुरक्षा को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।

समाचार चैनल 'सीएनएन' की मंगलवार को प्रसारित रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों ने आतंकवादी हमलों के प्रति चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यात्रियों को स्मार्टफोन से बड़े आकार के उपकरणों, जैसे आईपैड, किंडल और लैपटॉप हवाई जहाज में बैठने से पहले जमा कराने होंगे।

अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, दुबई और इस्तांबुल जैसे वैश्विक महत्व के हवाई अड्डों सहित करीब 10 हवाई अड्डों से उड़ान भरने वाली 50 से अधिक उड़ानें इस प्रतिबंध के दायरे में आएंगी। हालांकि यह प्रतिबंध चालक दल पर लागू नहीं होगा।

ब्रिटेन सरकार के फैसले के मुताबिक तुर्की, लेबनान, जॉर्डन, मिस्र, ट्यूनिशिया और सऊदी अरब की उड़ानों पर यह बैन लागू होगा। 

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अधिकारियों ने बताया कि प्रतिबंध के दायरे में आने वाली उड़ानों को 96 घंटें के अंदर इसका पालन करने के लिए कहा गया है। प्रतिबंध का पालन न करने पर उन वायु सेवाओं की अमेरिका में संचालन की मान्यता रद्द की जा सकती है।

एसोसिएटेड प्रेस ने एक अज्ञात अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया कि यह नया सुरक्षा नियम मंगलवार को आधिकारिक रूप से लागू हो सकता है। यह प्रतबिंध अमेरिका के लिए लगातार उड़ान सेवा प्रदान करने वाले 10 अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डों मिस्र के काहिरा, जॉर्डन के अम्मान, कुवैत के कुवैत सिटी, मोरक्को के कासाब्लांका, कतर के दोहा, सऊदी अरब के रियाद व जेद्दा, तुर्की के इस्तांबुल और संयुक्त अरब अमीरात के दुबई और अबूधाबी पर लागू होगा।

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यात्रियों को लैपटॉप, टैबलेट, डिजिटल कैमरा और अन्य इलेक्ट्रानिक वस्तुओं को अपने साथ ले जाने से रोक दिया जाएगा। सिर्फ सेल फोन और अनुमोदित चिकित्सकीय उपकरणों को प्रतिबंध से बाहर रखा गया है। यह प्रतिबंध रॉयल जॉर्डन सहित विदेशी विमान सेवाओं पर ही लागू होगा। किसी भी अमेरिकी विमान कंपनी पर यह नियम लागू नहीं होगा।

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समाचार-पत्र 'वाशिंगटन पोस्ट' की रिपोर्ट के अनुसार, इस नए प्रतिबंध का खुलासा अमेरिकी प्रशासन की तरफ से नहीं, बल्कि सोमवार को अपराह्न में रॉयल जॉर्डन एयरलाइंस द्वारा सोमवार को किए गए ट्वीट से हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों ने शुरू में इस प्रतिबंध पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया और कहा कि उचित समय पर इस संबंध में जानकारी दी जाएगी।

इस प्रतिबंध को लगाने की वजहों का अभी पता नहीं चल सका है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया कि अमेरिकी सरकार कुछ हफ्तों पहले मिली धमकी के मद्देनजर यह प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही थी।

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