अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से अलग हो गया है। इस बात का ऐलान अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी दूत निक्की हेली ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर किया।
निक्की हेली ने कहा कि अपने नाम के बिल्कुल उलट है। परिषद ने लंबे समय से अमेरिका की मानवाधिकार परिषद में सुधार की मांग को अनसुना किया है जिसके बाद हमें यह कदम उठाना पड़ा है।
बता दें कि निक्की हेली ने एक साल पहले कहा था कि अमेरिका मानवाधिकार परिषद में अपनी सदस्यता पर पुनर्विचार कर रहा है।
हेली ने परिषद पर आरोप लगाया था कि 47 सदस्यों वाली यूएनएचआरसी इजराइल के ख़िलाफ़ दुर्भावना और भेदभाव से ग्रस्त है।
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गौरतलब है कि ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका पेरिस जलवायु समझौते और ईरान परमाणु डील के बाद यह तीसरा मौका होगा जब बहुपक्षीय समझौतों से अलग हो रहा है।
मानवाधिकार परिषद् हमेशा से ऐसे देशों जो खुद मानवाधिकार उल्लंघन को अनदेखा करते हैं को सदस्यता देने के आरोप की वजह से आलोचना का केंद्र बना रहा है।
अमेरिका ने इससे पहले जॉर्ज डब्ल्यू बुश के राष्ट्रपति काल में भी तीन साल तक मानवाधिकार परिषद का बहिष्कार कर दिया था।
बराक ओबामा के राष्ट्रपति बनने के बाद 2009 में वह इस परिषद में शामिल हुआ था। वर्तमान में अमेरिका तीन साल के लिए इस परिषद का सदस्य था जिसमें से उसका डेढ़ साल का समय पूरा हो चुका था।
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Source : News Nation Bureau