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अमेरिका ने कहा है कि हाफिज़ सईद के कारण पाकिस्तान को दी जाने वाली 1 बिलियन से अधिक डॉलर की राशि नहीं रोकी गई है। हालांकि उसने साफ किया कि वो हाफिज़ सईद की रिहाई से चिंतित है।
अमेरिका ने कहा है कि सरकार को लगा कि कड़े कदम उठाने की ज़रूरत है और पाकिस्तान के साथ संबंधों को ऑटोपायलट मोड में नहीं रख सकते हैं।
जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद को हाल ही में रिहा किया गया था। अमेरिका उन्हें एफआईएफ और लश्कर ए तोयबा को आतंकवादी संगठन करार दिया है। इसकी स्थापना हाफिज़ ने 1987 में की थी। इस संगठन परपर अमेरिका और भारत दोनों का आरोप है कि मुंबई हमले में इस संगठन का हाथ है।
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नोएर्ट ने कहा, 'हमने निश्चित तौर पर मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज़ सईद को रिहा करने पर अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं। मेरे ख्याल से इसका इससे कोई लेना देना नहीं है।'
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नोएर्ट ने पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद रोके जाने और हाफिज की रिहाई में संबंध पर पूछ गए एक सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए ये कहा।
उन्होंने कहा, 'मुंबई हमले का मास्टरमाइंड को दोबारा पकड़ने के लिये 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम है। एक ऐसा आदमी जिसे पाकिस्तान ने छोड़ दिया है। हमने इस पर अपनी नाराज़गी जाहिर कर दी है।'
उन्होंने कहा, 'हम पाकिस्तान के साथ सामान्य संबंध को जारी नहीं रख सकते हैं। जब तक कि हक्कनी नेटवर्क और तालिबान के आतंकियों के वो सुरक्षित पनाहगाह देना बंद नहीं करता है। हमें उनके न्युक्लियर प्रोग्राम को लेकर चिंता है। साथ ही हमें चिंता है कि लश्कर ए तोयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे भारत विरोधी संगठन लोगों से फंड लेकर भी अपनी गतिविधियां चला सकते हैं।'
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एक अधिकारी ने कहा, 'इस प्रशासन को लगा कि हमें अतिरिक्त कदम उठाने होंगे क्योंकि हम इस संबंध को ऑटोपायलट मोड पर रखकर नहीं छोड़ सकते हैं। यथा स्थिति को जारी नहीं रख सकते हैं। हमें इन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा और संबंधों के लिये ठोस आधार बनाना पड़ेगा।'
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Source : News Nation Bureau