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अमेरिका ने बनाई नई हाइपरसोनिक मिसाइल, इन देशों पर होगी खास नजर

अमेरिका को कई  विफलताओं के बाद नई हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने में सफलता हासिल की है. एयर-लॉन्च रैपिड  रिस्पांस वेपन (ARRW) के दो उड़ान परीक्षणों में विफलता के बाद अमेरिका को आखिरकार इस मिसाइल को गुप्त रूप से सफलता हासिल करने में सफलता हासिल की है.

Updated on: 29 Sep 2021, 11:35 AM

highlights

  • चीन और रूस को मात देने के लिए अमेरिका ने बनाया यह मिसाइल
  • 2013 के बाद से ही ऐसा टेस्ट करने की कोशिश कर रही थी
  • इस साल के अंत तक ऐसे ही और टेस्ट करने की तैयारी है

 

न्यूयॉर्क :

दुनिया में फिलहाल एक हाइपरसोनिक हथियारों की दौड़ देखी जा रही है जहां अमेरिका इस मामले में  पीछे चल रहा था. अब अपने प्रतिद्वंद्वियों रूस और चीन की रेस में आने के लिए हाइपरसोनिक मिसाइलों के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को आगे बढ़ाया है. इसी कड़ी में अमेरिका को कई  विफलताओं के बाद नई हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने में सफलता हासिल की है. एयर-लॉन्च रैपिड  रिस्पांस वेपन (ARRW) के दो उड़ान परीक्षणों में विफलता के बाद अमेरिका को आखिरकार इस मिसाइल को गुप्त रूप से सफलता हासिल करने में सफलता हासिल की है.

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पांच गुना ज्यादा की स्पीड रखता है ये हथियार

ये हथियार साउंड से भी पांच गुना ज्यादा की स्पीड रखता है. अमेरिका के पेंटागन के मुताबिक,  अमेरिका ने साल 2013 के बाद से ही ऐसा टेस्ट करने की कोशिश थी जो अब जाकर सफल हुआ है. गौरतलब है कि इसी साल जुलाई में भी रूस ने Zircon हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल का टेस्ट किया  था, जिसे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का प्रोजेक्ट कहा गया.

पिछले हफ्ते किया गया टेस्ट
पेंटागन ने जानकारी दी है कि हाइपरसोनिक एयर ब्रीथिंग वेपन कॉन्सेप्ट टेस्ट पिछले हफ्ते किया गया है. इस टेस्ट के साथ हम नई पीढ़ी की ओर बढ़ रहे हैं और अमेरिकी मिलिट्री की ताकत को मजबूत कर रहे हैं. अमेरिका द्वारा इस साल के अंत तक ऐसे ही और टेस्ट करने की तैयारी है.

साउंड से भी तेज होती है गति
हाइपरसोनिक हथियार एक घंटे मेंकरीब 6200 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं, इनकी गति साउंड सेभी पांच गुना होती है. अमेरिका का रक्षा विभाग अब पूरी तरह से हाइपरसोनिक मिसाइल, हथियारों पर फोकस कर रहा है. 

ऑक्सीजन वाले इलाकों में बहुत तेजी से काम करता है

इस मिसाइल के बारे में बताया गया है कि ये सिस्टम ऑक्सीजन वाले इलाकों में बहुत तेजी से काम करता है. दूसरी सामान्य मिसाइलों के मुकाबले काफी जल्दी अपने टारगेट को छूता है. रिपोर्ट में बताया गया है कि इस क्षेत्र में चीन और रूस द्वारा पिछले कुछ वक्त में गतिविधियां बढ़ाई गई हैं, ऐसे में हर तौर पर अमेरिका इन चीजों पर काम कर रहा है. 

डिफेंस सेक्टर मजबूत करने की जरूरत 
हाइपरसोनिक मिसाइल की कामयाबी के साथ परीक्षण करने के बाद अमेरिका ने कहा है कि, ''संयुक्त  राज्य अमेरिका और हमारे सहयोगियों के पास हाइपरसोनिक हथियारों के उपयोग को रोकने की  क्षमता और उन्हें हराने की क्षमता होनी चाहिए. वहीं, सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के  एक विश्लेषक टॉम काराको ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि, हाइपरसोनिक स्ट्राइक में  अमेरिका की सफलता ने रूस और चीन के द्वारा बनाए जा रहे अत्याधुनिक हथियारों को जवाब देना 
शुरू कर दिया है.

चीन के डीएफ-17 मिसाइल से अमेरिका को खतरा
अमेरिका को चीन की डीएफ-17 हाइपरसोनिक मिसाइल से खतरा है. चीन की यह मिसाइल 2500 किलोमीटर दूर तक अपने लक्ष्‍य को  भेदने में सक्षम है. चीन ने इस मिसाइल को पहली बार अपने  70वें वर्षगांठ के अवसर पर प्रदर्शित किया था. इस मिसाइल का वजन 1500 किलोग्राम है. इसकी लंबाई 11 मीटर है. यह मिसाइल न्‍यूक्लियर वॉरहेड ले जाने में सक्षम है. 

सबसे पहले 2017 में किया था परीक्षण
अमेरिका ने इस मिसाइल के प्रोटोटाइप का सबसे पहले अक्तूबर 2017 में परीक्षण किया था, लेकिन 2020 में हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था. यह परीक्षण थल सेना और नौसेना द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था. हाइपरसोनिक मिसाइल को दुनिया की सबसे तेज हमलावर मिसाइल माना जाता है. इससे किसी भी युद्ध का नक्शा बदल सकता है. इसकी गति रडार और एयर डिफेंस सिस्टम को भी चकमा दे सकती है.