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यूएनडीपी का पूर्वानुमान: 2022 के मध्य तक 97 प्रतिशत अफगान गरीबी रेखा के नीचे चले जाएंगे

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने चेतावनी दी है कि 97 प्रतिशत अफगान 2022 के मध्य तक गरीबी रेखा से नीचे जा सकते हैं.

Updated on: 12 Sep 2021, 05:33 PM

highlights

  • ताजा हालात अफगानिस्ताने के लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया
  • वर्तमान में देश में एक आर्थिक संकट उभर रहा है
  • यही हालात रहे तो गरीबी दर 97-98 प्रतिशत तक पहुंचने की आशंका 

 

नई दिल्ली:

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने चेतावनी दी है कि 97 प्रतिशत अफगान 2022 के मध्य तक गरीबी रेखा से नीचे जा सकते हैं. यूएनडीपी की ओर से कहा है कि जब तक कि देश की राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों का तुरंत समाधान नहीं किया जाता ऐसी स्थिति बनने की पूरी संभावना है. 9 सितंबर को जारी यूएनडीपी की एक रिपोर्ट के आधार पर, ताजा घटनाओं और अनिश्चितताओं ने अफगानिस्ताने के लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है और देश में एक आर्थिक संकट उभर रहा है. संयुक्त राष्ट्र के सहायक महासचिव और एशिया और प्रशांत क्षेत्र के क्षेत्रीय ब्यूरो के यूएनडीपी निदेशक कन्नी विग्नाराजा ने कहा, हम मानवीय और आर्थिक संकटों के शीर्ष पर एक पूर्ण विकास का सामना कर रहे हैं.

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यूएनडीपी ने अपने एक अध्ययन में कहा है कि जून 2022 से शुरू होने वाले अगले वित्तीय वर्ष में देश के सकल घरेलू उत्पाद में 13.2 प्रतिशत तक गिरावट आने का अंदेशा है इससे गरीबी दर 25 फीसदी तक पहुंच सकती है. हालांकि इस संकट की गंभीरता इस बात पर निर्भर करेगी कि विश्व तालिबान से किस तरह का संबंध रखता है और तालिबान की सरकार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन मिलता है या नहीं. यूएनडीपी ने नौ सितंबर को जारी अपनी अक रिपोर्ट में कहा है, अगर अफगान नागरिकों की मदद नहीं की गई और उनकी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो अगले साल के मध्य में यह अनुमान हकीकत में बदल सकता है. लंबे समय तक सूखे और कोरोना महामारी के प्रभावों के अलावा, अफगानिस्तान मौजूदा समय में राजनीतिक बदलाव के कारण उथल-पुथल से जूझ रहा है। उसकी विदेशों में जमा पूंजी फ्रीज है और बैंकिंग प्रणाली ठप्प पड़ी हुई है. 

देश की आधी आबादी को तुरंत मानवीय सहायता की जरूरत
संयुक्त राष्ट्र के सहायक महासचिव और एशिया और प्रशांत क्षेत्र के क्षेत्रीय ब्यूरो के यूएनडीपी निदेशक कन्नी विग्नाराजा ने कहा, "हम अफगानिस्तान में मानवीय और आर्थिक संकट को महसूस कर रहे हैं. देश की लगभग आधी आबादी को तुरंत मानवीय सहायता की जरूरत है. विंगराज ने कहा कि यह विश्लेषण बताता है कि हम अफगानिस्तान के सबसे कमजोर लोगों को तेजी से विनाशकारी गिरावट की ओर बढ़ता देख रहे हैं." अफगानिस्तान में गरीबी दर 97-98 प्रतिशत तक पहुंचने की आशंका है. उन्होंने कहा कि फिलहाल गरीबी दर 72 प्रतिशत है.

स्थिति में सुधार के लिए पैकेज का प्रस्ताव
यूएनडीपी ने महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कमजोर लोगों और समुदायों की तत्काल मदद करने और स्थिति में सुधार करने के लिए एक पैकेज का प्रस्ताव किया है. पैकेज आवश्यक सेवाओं, स्थानीय आजीविका, बुनियादी आय और छोटे बुनियादी ढांचे पर केंद्रित है और इसका उद्देश्य 24 महीने के सामुदायिक विकास कार्यक्रम के माध्यम से करीब नौ मिलियन जरूरतमंद अफगान नागरिकों की मदद करना है.