यूएन ने कहा, सिंधु जल पर विवाद पर लापरवाही कर रहा पाकिस्तान

यूएनडीपी ने पाकिस्तान पर भारत के साथ अंतर्राष्ट्रीय जल विवाद के समाधान में लापरवाही बरतने और सिंधु आयोग के समक्ष सिंधु जल संधि से जुड़े विवाद में अपना पक्ष रखने में विलंब करने का आरोप लगाया है।

यूएनडीपी ने पाकिस्तान पर भारत के साथ अंतर्राष्ट्रीय जल विवाद के समाधान में लापरवाही बरतने और सिंधु आयोग के समक्ष सिंधु जल संधि से जुड़े विवाद में अपना पक्ष रखने में विलंब करने का आरोप लगाया है।

author-image
pradeep tripathi
एडिट
New Update
यूएन ने कहा, सिंधु जल पर विवाद पर लापरवाही कर रहा पाकिस्तान

यूएनडीपी ने पाकिस्तान पर भारत के साथ अंतर्राष्ट्रीय जल विवाद के समाधान में लापरवाही बरतने और सिंधु आयोग के समक्ष सिंधु जल संधि से जुड़े विवाद में अपना पक्ष रखने में विलंब करने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान के समाचार-पत्र डान के अनुसार संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की रिपोर्ट के हवाले से ये बातें कही गई हैं।

Advertisment

डान की रिपोर्ट में कहा गया है, "पाकिस्तान की ओर से अंतर्राष्ट्रीय जल मुद्दों को लेकर लापरवाही बरतने और सिंधु आयोग या विश्व बैंक के समक्ष सिंधु जल संधि को लेकर भारत से चल रहे विवाद पर अपना पक्ष रखने में विलंब करने के कारण ये मामले अटके पड़े हैं और अब तक इनके समाधान की दिशा में कुछ नहीं हो सका है।"

संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक विकास नेटवर्क ने बुधवार को 'डेवलपमेंट एटवोकेट पाकिस्तान' शीर्षक से यह रिपोर्ट जारी की है।

और पढ़ें : सिंधु जल समझौता भारत-पाक का आपसी मामला: विकास स्वरूप

डान ने इसी रिपोर्ट के हवाले से लिखा है, "90 के दशक की शुरुआत में संधि को लेकर शुरू हुए विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है।"

डान की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पाकिस्तान ने इस संधि को 'जल विवाद हल करने में अयोग्य मंच' करार देते हुए जल विवाद को मुख्य मुद्दा बना लिया है और इसे समग्र वार्ता में भी शामिल कर लिया है।

समाचार-पत्र लिखता है, "लेकिन भारत ने समग्र वार्ता में इस मुद्दे को शामिल करने से इनकार कर दिया है, क्योंकि भारत सिंधु जल संधि को रद्द नहीं करना चाहता।"

उल्लेखनीय है कि इस संधि के तहत भारत को बिजली उत्पादन और बाढ़ नियंत्रण के लिए जल संरक्षण की इजाजत दी गई है।

और पढ़ें : सिंधु जल समझौते पर अमेरिका का मध्यस्थता से इनकार, कहा- आपसी बातचीत से भारत-पाक सुलझाएं विवादित मुद्दे

समाचार-पत्र आगे लिखता है, "संधि में दी गई इजाजत को अलग-अलग तरीके से समझने के कारण संधि की पेचीदगी और बढ़ गई है, जिससे भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई है। संधि में यह भी स्पष्ट नहीं है कि पश्चिमी नदियों पर बांध बनाकर भारत कितने जल का संरक्षण कर सकता है, जो चिंता का विषय है।"

सिंधु जल संधि के अनुसार, पाकिस्तान बिजली उत्पादन के लिए बांध बनाने से भारत को नहीं रोक सकता।

पाकिस्तान को जल संसाधन प्रबंधन पर अंतर्राष्ट्रीय कानून का लाभ मिलता है, लेकिन भारत के साथ जल विवाद के समाधान के लिए पाकिस्तान मुख्य रूप से सिंधु जल संधि पर ही निर्भर है।

बीते वर्ष दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के बाद भारत ने संधि के अनुसार नदी के ऊपरी हिस्से के जल का इस्तेमाल करने की घोषणा की। भारत ने लंबे अर्से से संधि के प्रावधान का अपने हित में इस्तेमाल नहीं किया है।

सिंधु नदी पर भारत द्वारा तैयार की जा रही किशनगंगा और रातले परियोजनाओं को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद चल रहा है।

सिंधु जल संधि के अंतर्गत भारत और पाकिस्तान ब्यास, रावी, सतलुज, चेनाब और झेलम नदियों का जल बांटते हैं।

ये भी पढ़ें : जम्मू कश्मीर के सांबा में पाकिस्तान ने फिर किया सीजफायर का उल्लंघन

और पढ़ें : दोनों देशों में शांति के लिए पाकिस्तान को आतंकियों पर करनी होगी सख्त कार्रवाई: कांग्रेस

Source : News Nation Bureau

United Nations Indus Waters Treaty
      
Advertisment