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G7 के देश शिनजियांग और हांगकांग में मानवाधिकारों के हो रहे हनन पर एकमत: अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन

दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड में रविवार को जी-7 के शिखर सम्मेलन के समापन पर ग्रुप 7 के शिखर सम्मलेन में सदस्य देशों ने शिनजियांग और हांगकांग में हो रहे मानवाधिकारों के हनन पर एकमत होते हुए बीजिंग से उसे सम्मान करने के लिए कहने पर राय जाहिर की है.

Updated on: 13 Jun 2021, 09:26 PM

दिल्ली :

दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड में रविवार को जी-7 के शिखर सम्मेलन के समापन पर ग्रुप 7 के शिखर सम्मलेन में सदस्य देशों ने शिनजियांग और हांगकांग में हो रहे मानवाधिकारों के हनन पर एकमत होते हुए बीजिंग से उसे सम्मान करने के लिए कहने पर राय जाहिर की है. अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने कहा है कि हम सब मिलकर बीजिंग से शिनजियांग और हांगकांग में मानवाधिकारों का सम्मान करने के लिए कहेंगे. नेताओं ने कहा कि वे चीन से शिनजियांग और हांगकांग में मानवाधिकारों और मौलिक आजादी का सम्मान करने के लिए कहेंगे. चीन पर आरोप है कि शिनजियांग में अल्पसंख्यक उईगुर के अधिकारों का वह हनन कर रहा है.

इससे पहले अमीर देशों के नेताओं ने गरीब देशों को कोविड-19 रोधी टीके की एक अरब से ज्यादा खुराकें मुहैया कराने का संकल्प लिया. इसके साथ ही सभी देशों ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर वैश्विक न्यूनतम कर का समर्थन किया और सहमति जतायी कि वे चीन की बाजार विरोधी आर्थिक नीतियों से मुकाबला के लिए साथ मिलकर काम करेंगे.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हम चीन से शिनजियांग और हांगकांग में मानवाधिकारों को सम्मान करने के लिए आह्वान करेंगे. साथ ही प्रतिस्पर्धा को कम करने के लिए चीन की गैर-बाजार नीतियों से निपटने और कृषि और परिधान उद्योगों में जबरन श्रम के खिलाफ गंभीर कार्रवाई करने के लिए आम नीति का समन्वय करने के लिए सभी देश सहमत है.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने आगे कहा 'अब चीन के साथ सीधे तौर पर व्यवहार होगा. जैसा कि मैंने खुद शी जिनपिंग से कहा था कि हम संघर्ष नहीं चाहते हैं. जहां सहयोग करेंगे वहां हम सहयोग करेंगे. जहां हम असहमत हैं, मैं इसे स्पष्ट रूप से बताने जा रहा हूं और हम असंगत कार्यों का जवाब देने जा रहे हैं’.

जी-7 के शिखर सम्मेलन के समापन पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि देशों को सीधे तौर पर और अंतरराष्ट्रीय ‘कोवैक्स’ पहल, दोनों तरीके से टीकों की आपूर्ति की जाएगी. इस प्रतिबद्धता के बावजूद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि दुनिया की कम से कम 70 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण और महामारी को समाप्त करने के लिए और 11 अरब और खुराकों की जरूरत है.