संयुक्त राष्ट्र ने लेबनान के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना का अनावरण किया

संयुक्त राष्ट्र ने लेबनान के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना का अनावरण किया

संयुक्त राष्ट्र ने लेबनान के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना का अनावरण किया

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

संयुक्त राष्ट्र ने लेबनान के लिए अपनी आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना (ईआरपी) की रूपरेखा तैयार की है, जिसका उद्देश्य सबसे कमजोर लोगों में से 11 लाख नागरिकों को जरूरी सहायता मुहैया कराना है।

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समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ईआरपी में कुल 38.3 करोड़ डॉलर की 119 परियोजनाएं शामिल हैं और संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि लेबनानी आबादी का लगभग 78 प्रतिशत (30 लाख लोग) गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं, जिससे संगठन को लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए मानवीय कार्यक्रमों की एक सीरीज शुरू करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

यह योजना शिक्षा, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, पानी और स्वच्छता, बाल संरक्षण और लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ सुरक्षा के क्षेत्रों में सबसे कमजोर आबादी का समर्थन करने पर केंद्रित है।

लेबनान के लिए संयुक्त राष्ट्र के उप-विशेष समन्वयक नजत रोचदी ने बेरूत में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, अपनी हाल की क्षेत्रीय यात्राओं में, मैं बच्चों, युवा और बूढ़े लेबनानी पुरुषों और महिलाओं से मिला। उनकी कहानियां दिल दहला देने वाली, कभी-कभी अपमानजनक और चौंकाने वाली हैं।

लेबनान एक अभूतपूर्व वित्तीय संकट से गुजर रहा है, जिसमें स्थानीय मुद्रा में 90 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है, जिससे लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने की क्षमता सीमित हो गई है।

अक्टूबर 2019 के विद्रोह के बाद से देश की सामाजिक स्थिरता बिगड़ने लगी, इसके साथ ही कोविड -19 का आर्थिक प्रभाव और अगस्त 2020 में बेरूत के घातक बंदरगाह विस्फोट भी शामिल हैं।

इसके अलावा, बहुत आवश्यक वित्तीय सुधारों को लागू करने के लिए एक प्रभावी सरकार बनाने में विफलता ने लेबनानी पाउंड के पतन और वार्षिक मुद्रास्फीति में 158 प्रतिशत की वृद्धि के साथ-साथ खाद्य मुद्रास्फीति में 550 प्रतिशत की वृद्धि के कारण सामाजिक आर्थिक स्थिति में गिरावट को तेज कर दिया।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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