संयुक्त राष्ट्र (UN) के स्वतंत्र विशेषज्ञों ने कोविड-19 (Covid 19) महामारी के बीच भारत में प्रवासी कामगारों की दुर्दशा पर गहरी चिंता व्यक्त की और उम्मीद जताई कि भारत सरकार उनकी मुश्किलों को कम करने के लिए उच्चतम न्यायालय (Supreme court) के आदेश को तुरंत लागू करेगी. आवास का अधिकार संबंधी संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि बालकृष्णन राजगोपाल और अत्यधिक गरीबी संबंधी विशेष प्रतिनिधि ओलिवियर डी स्कटर ने बृहस्पतिवार को गरीबी में रहने वाले लोगों के लिए राहत पैकेज प्रदान करने के लिए भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की.
इसके अलावा उन्होंने प्रवासी मजदूरों (migrant workers) को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए अतिरिक्त ट्रेनें चलाने के लिए भी सरकार की सराहना की. उन्होंने हालांकि कहा कि ये उपाय "स्पष्ट रूप से अपर्याप्त हैं क्योंकि अधिकतर आंतरिक प्रवासी श्रमिकों के पास राहत पैकेज के लिए अर्हता नहीं है और आंतरिक प्रवासियों के परिवहन के लिए राज्य सरकारों के बीच समन्वय की कमी है."
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संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई कि उच्चतम न्यायालय का आदेश तुरंत लागू होगा और आंतरिक प्रवासी श्रमिकों की स्थिति में उल्लेखनीय रूप से सुधार करने में मदद करेगा. विशेषज्ञों ने कहा कि कई लोग असहनीय परिस्थितियों में फंसे हुए हैं और वे भूखे और बिना आश्रय के हैं. कामकाज गंवा देने के बाद उन्हें अपने मकान मालिकों द्वारा घर खाली करने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
Source : Bhasha