यूरोपीय संघ में बना रहेगा ब्रिटेन, खारिज हुई ब्रेक्जिट योजना, थेरेसा मे दे सकती हैं इस्तीफा
यूरोपीय संघ से अलग होने वाले ब्रेक्जिट समझौते के पक्ष में केवल 202 वोट पड़े जबकि विरोध में यानी कि संघ के साथ रहने के पक्ष में कुल 432 वोट पड़े.
नई दिल्ली:
ब्रिटेन यूरोपीय संघ का हिस्सा बना रहेगा या नहीं, मंगलवार की वोटिंग के बाद यद स्पष्ट हो गया है. यूरोपीय संघ से अलग होने वाले ब्रेक्जिट समझौते के पक्ष में केवल 202 वोट पड़े जबकि विरोध में यानी कि संघ के साथ रहने के पक्ष में कुल 432 वोट पड़े. यानी कि ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने की योजना (जो प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने रखी थी) सदन में औंधे मुंह गिर गई है. संभव है ब्रिटेन की यूरोपीय संघ से अलग होने की योजना खटाई में पड़ने के बाद प्रधानमंत्री थेरेसा को अपने पद से इस्तीफ़ा देना पड़े.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे के पास अपना 'प्लान बी' पेश करने के लिए तीन दिनों का समय है. थेरेसा मे की इस करारी हार के बाद लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में चर्चा की जाएगी.
बता दें कि ब्रेक्जिट से निकलने के लिये 29 मार्च की तारिख निर्धारित की गयी थी. विभिन्न पार्टियों के सांसदों ने अलग-अलग कारणों से इस समझौते का पहले भी काफी विरोध किया था. हालांकि, थेरेसा मे ने सासंदों से इस पर फिर से विचार करने का आग्रह किया था.
मे ने कहा, 'नहीं, यह पूरी तरह सही नहीं है. पर हां, यह वास्तव में मध्यमार्ग है.' लेकिन जब इतिहास लिखा जायेगा, तो लोग संसद के फैसले को देखेंगे और पूछेंगे: क्या हमने यूरोपीय संघ को छोड़ने के लिये मतदान किया? या फिर हमनें देश की जनता को निराश किया.'
उल्लेखनीय है कि 18 महीने तक चली बातचीत की प्रक्रिया के बाद नवंबर में यूरोपीय संघ के साथ ब्रेक्जिट समझौते पर सहमति हुई थी'
दिसंबर में समझौते को लेकर निम्न सदन (हाउस ऑफ कॉमन्स) में मतदान होना था लेकिन हार के डर से इसे टाल दिया गया था' इसके बाद से वह सांसदों को स्पष्टीकरण दे रही हैं और उन्हें उम्मीद है कि वह सांसदों को मना लेंगी'
विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन ने कहा कि मे सांसदों की चिंताओं को दूर करने में "पूरी तरह से नाकाम रही हैं" इसलिए अब उन्हें चुनाव कराना चाहिये.
क्या है ब्रेक्ज़िट, क्यों है बवाल?
'ब्रेक्ज़िट' शब्द दो शब्दों 'ब्रिटेन' और 'एक्ज़िट' से मिलकर बना है. ब्रिटेन में इस मुद्दे को लेकर दो गुट बने हैं, एक गुट EU के समर्थक यानी कि यूरोपियन यूनियन के बने रहने में यक़ीन करते हैं. जिसे 'रीमेन' कहा जाता है. वहीं दूसरे गुट यूरोपियन यूनियन से अलग होने की बात करते हैं. इन्हें 'लीव' कहा जाता है.
यूरोपियन यूनियन से अलग होने वाले यानी कि 'लीव' गुट की दलील है कि ब्रिटेन की पहचान, आज़ादी और संस्कृति को बनाए और बचाए रखने के लिए ऐसा करना ज़रूरी है. वहीं यह गुट ब्रिटेन में आने वाले प्रवासियों का भी विरोध करते हैं. उनका कहना है कि यूरोपियन यूनियन ब्रिटेन के करदाताओं के अरबों पाउंड सोख लेता है, और ब्रिटेन पर अपने 'अलोकतांत्रिक' कानून थोपता है.
और पढ़ें- ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा ने चेताया, कहा- ब्रेक्ज़िट नहीं हुआ तो चुनाव का करना होगा सामना
वहीं 'रीमेन' खेमे के लोगों का कहना है कि ब्रिटेन की बेहतर अर्थव्यवस्था के लिए यूरोपियन यूनियन में बने रहना ज़्यादा अच्छा है. दरअसल यूरोप ब्रिटेन का सबसे अहम बाज़ार है, और यहीं से उन्हें विदेशी निवेश का फ़ायदा भी मिलता है. वित्तीय जानकारों का मानना है कि यूरोपियन यूनियन में बने रहने की वजह से ही लंदन दुनिया का बड़ा वित्तीय केंद्र बना हुआ है. ऐसे में ब्रिटेन का यूरोपियन यूनियन से बाहर निकलना उसके स्टेटस के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Aaj Ka Panchang 29 April 2024: क्या है 29 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Arthik Weekly Rashifal: इस हफ्ते इन राशियों पर मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान, खूब कमाएंगे पैसा