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Ukraine Crisis: यूक्रेन में National Emergency, रिजर्व आर्मी को बुलाया

रूस ने यूक्रेन के हिंसाग्रस्त दो इलाकों को स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा देते हुए मित्र राष्ट्र का दर्जा दिया है और उन दोनों इलाकों की रक्षा के लिए रूसी सेना को हुक्म दिया है कि रूसी सेना अब अपनी सरजमीं पार कर इन दोनों मित्र देशों की जमीन की रक्षा करे और

Updated on: 24 Feb 2022, 11:04 AM

highlights

  • चरम पर पहुंचा रूस-यूक्रेन तनाव
  • यूक्रेन ने रिजर्व आर्मी को बुलाया
  • अपने नागरिकों से रूस छोड़ने की अपील

नई दिल्ली:

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश के बाद रूसी सेना तेजी से आगे बढ़ने को तैयार है, तो इससे निपटने के लिए यूक्रेन भी तेजी से अपनी तैयारियां कर रहा है. यूक्रेन की सुरक्षा परिषद ने पूरे देश में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करने के प्रस्ताव को पास कर दिया है. इसके साथ ही यूक्रेन ने अपने नागरिकों से रूस छोड़कर यूक्रेन आने को कहा है. इसके साथ ही यूक्रेन ने अपनी रिजर्व आर्मी को भी एक्टिव कर दिया है. 

यूक्रेन ने 30 दिनों के लिए लगाया आपातकाल

एएफपी ने यूक्रेन की सुरक्षा परिषद ने 30 दिनों के लिए आपातकाल को मंजूरी दे दी है. ये समय आगे 30 दिनों के लिए और भी बढ़ाा जा सकता है. वहीं, अपनी रिजर्व आर्मी को भी यूक्रेन ने मोबिलाइज होने के लिए कह दिया है. ऐसा रूस के साथ पूरी तरह से युद्ध का खतरा सामने आ जाने पर किया गया है. यूक्रेन की सुरक्षा परिषद ने इस बाबत भी मंजूरी दे दी है, जिसमें 18 से 60 वर्ष के सभी ऐसे लोग, जो रिजर्व फोर्स का हिस्सा हैं, वो गुरुवार से कीव में जुटने शुरू हो जाएं. रिजर्व फोर्स में शामिल होने वालों की सेना की सेवा एक साल की होगी. 

यूक्रेन ने रूस में रह रहे देशवासियों से की वापस लौटने की अपील

इसके अलावा यूक्रेन ने रूसी इलाकों में रह रहे अपने नागरिकों से कहा है कि वो जितनी जल्दी हो सके, रूस की जमीन छोड़ दें और अपने वतन लौट आएं, ताकि युद्ध की स्थिति में वो रुस में ही न फंस जाए. वहीं, रूस ने कीव स्थित अपने दूतावास के सभी कर्मचारियों को यूक्रेन छोड़ने का हुक्म दो दिन पहले दिया था, उसपर अमल शुरू हो गया है. जानकारी के मुताबिक, कीव स्थित रूसी दूतावास लगभग पूरी तरह से खाली होने वाला है. रूसी राजनयिक अपना सामान लेकर रूस लौट रहे हैं. 

बता दें कि रूस ने यूक्रेन के हिंसाग्रस्त दो इलाकों को स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा देते हुए मित्र राष्ट्र का दर्जा दिया है और उन दोनों इलाकों की रक्षा के लिए रूसी सेना को हुक्म दिया है कि रूसी सेना अब अपनी सरजमीं पार कर इन दोनों मित्र देशों की जमीन की रक्षा करे और किसी भी बाहर खतरे से बलपूर्वक इलाकों की रक्षा करे. इसकी मंजूरी रूसी संसद से भी मिल गई है.