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Ukraine Crisis( Photo Credit : FILE PIC)
Ukraine Crisis: यूक्रेन में रूसी हमलों का आज 17वां दिन है. यूक्रेन की राजधानी कीव समेत अन्य शहर भी अब रूसी सेना के निशाने पर हैं. खारकीव में रूसी हमलों का सबसे भयानक रूप देखने को मिला है. यहां सरकारी इमारतों और संस्थानों को निशाना बनाया जा रहा है. हालांकि यूक्रेन ने तो रूसी सेना पर उसके रिहायशी इलाकों में भी हमला करने का आरोप लगाया है. इस बीच यूक्रेन के एक अन्य शहर मारियुपोल ( Russia's attack on Mariupol ) से बड़ी खबर सामने आई है. रूसी सेना ने कहर ढाया हुआ है. चारों तरफ हमले हो रहे हैं. रूसी सेना द्वारा मचाई गई तबाही की वजह से मारियुपोल में अब तक 1500 लोगों की मौत हो गई है.
यूक्रेन ने रूस के इस आरोप को बेबुनियाद बताया
दरअसल, रूस की सेना पिछले 16 दिनों से यूक्रेन में भारी बमबारी कर रही है. डोनबास समेत कई क्षेत्रों पर रूस का कब्जा हो गया है, जबकि खारकीव और मारियुपोल जैसे शहरों को भारी नुकसान पहुंचाया गया है. हालांकि रूसी सेना अभी तक राजधानी कीव पर अपना कब्जा नहीं जमा पाया है. इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की लगातार आरोप लगा रहे हैं कि रूस अब बुजुर्ग और बच्चों को भी नहीं छोड़ रहा है. रूस के सैनिक आम नागरिकों को भी निशाना बना रहे हैं. वहीं, रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कल यानी शुक्रवार को आपात बैठक बुलाई. 193 देशों वाली इस परिषद में रूस ने अपना पक्ष रखते हुए आरोप लगाया कि यूक्रेन अमेरिका की सहायता से जैविक और रासायनिक हथियारों का निर्माण कर रहा है, जो क्षेत्र के लिए काफी खतरनाक है. हालांकि यूक्रेन ने रूस के इस आरोप को बेबुनियाद बताया है.
युद्ध में इन हथियारों के इस्तेमाल पर रोक
संयुक्त राष्ट्र में रूस के स्थाई प्रतिनिधि ने कहा कि यूक्रेन की लैब में खतरनाक प्रयोग किए जा रहे हैं. जिनसे जैविक और रासायनिक हमलों का खतरा बढ़ गया है. रूसी प्रतिनिधि ने कहा कि हमारे रक्षा मंत्रालय के पास ऐसे सबूत हैं, जिनसे यह पुष्टि होती है कि यूक्रेन में लगभग 30 जैविक प्रयोगशालाओं का नेटवर्क था. आपको बता दें कि रासायनिक और जैविक हमले बेहद खतरनाक होते हैं. हालांकि युद्ध में इन हथियारों के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है, क्योंकि इनसे सबसे ज्यादा नुकसान आम लोगों को होता है. जबकि सामान्य युद्ध का मतलब केवल एक देश की सेना की दूसरे देश की सेना से लड़ाई है. रासायनिक युद्ध में अम्लीय बारिश और जैविक हमलों में वायरस आदि से टारगेट देश को नुकसान पहुंचाया जाता है. कोरोना वायरस को लेकर भी ऐसी चर्चा सामने आई थी कि चीन ने अपने मुनाफे और दूसरे देशों के नुकसान के लिए यह जैविक हमला किया था. बताया जा रहा था कि कोरोना वायरस चीन की प्रयोगशाला से लीक हुआ है. हालांकि इसका कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिल पाया था.
HIGHLIGHTS
- यूक्रेन में रूसी हमलों का आज 17वां दिन
- कीव समेत अन्य शहर भी रूसी सेना के निशाने पर
- खारकीव में रूसी हमलों का सबसे भयानक रूप देखने को मिला
Source : News Nation Bureau