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यूक्रेन में कभी भी घुस सकती है रूसी सेना, पुतिन के प्रस्ताव को संसद ने दी मंजूरी

नेटो (NATO) ने भी ये बात मान ली है कि रूस यूक्रेन के संकटग्रस्त इलाके में कभी भी 'हस्तक्षेप' कर सकता है. ये वो इलाका है, जिसमें आधे पर विद्रोहियों का कब्जा है...

Updated on: 22 Feb 2022, 10:55 PM

नई दिल्ली:

यूक्रेन पर रूस पूरी ताकत से हमले के लिए तैयार हो चुका है. हमला कभी भी हो सकता है. इसके लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आदेश भी दे दिये हैं कि अब रूसी सेना रूस की सीमा पार कर यूक्रेन से खुद की आजादी की घोषणा करने वाले दोनों 'मित्र देशों' की सुरक्षा करेगी. व्लादिमीर पुलिस के इस आदेश को रूस की संसद ने पास भी कर दिया है. इसके साथ ही अब यूक्रेन में भारी खून-खराबे की शुरुआत की पटकथा निर्णायक दिशा में बढ़ चली है.

इस बीच नेटो (NATO) ने भी ये बात मान ली है कि रूस यूक्रेन के संकटग्रस्त इलाके में कभी भी 'हस्तक्षेप' कर सकता है. ये वो इलाका है, जिसमें आधे पर विद्रोहियों का कब्जा है, तो आधे पर यूक्रेन का. वहीं, रूसी राष्ट्रपति ने जो आदेश अपनी सेना को दिये हैं, वो आदेश डोनबास के पूरे इलाके पर लागू होते हैं. यानी कि जिन इलाकों पर यूक्रेन का कब्जा है, वहां भी अब रूसी सेना जा सकती है और तबाही मचने का रास्ता भी साफ हो चुका है.

मिंस्क समझौते के पालन में विफल रहा है यूक्रेन

रूस ने यूक्रेन पर सीधे-सीधे आरोप लगाते हुए कहा है कि वो रूसी फेडरेशन के साथ हुए मिंस्क समझौते के पालन में विफल रहा है. ऐसे में रूस अब चुप नहीं बैठेगा. उन्होंने रूस की शक्तिशाली सेना को रूसी सीमा से बाहर जाकर कार्रवाई करने की शक्ति देने वाले मसौदे पर हस्ताक्षर करते ही रूस के उच्च सदन के पास भेज दिया था. जिसे रूसी संसद के उच्च सदन ने सर्वसम्मत से पास कर दिया है और सेना को यूक्रेन के दोनों ही राज्यों में हस्तक्षेप की अनुमति मिल गई है. 

नेटो का आया बयान

इस बीच नेटो के मुखिया ने साफ कर दिया है कि रूस अब खुलकर यूक्रेन में किसी भी वक्त हमला कर सकता है. इसके लिए रूस के 1.50 लाख से ज्यादा सैनिक यूक्रेन के चारों तरफ खड़े हैं, जो जरूरत पड़ने पर अपनी ताकत और भी बढ़ा सकती है. उन्होंने कहा कि रूस की सेना पूरी तैयारी कर चुकी है. इसके लिए रूस और बेलारूस की सेना सैन्य अभ्यास भी कर चुकी है और हमले की पृष्ठिभूमि भी बना ली है. उन्होंने कहा कि रूस को रोका जाना बेहद जरूरी हो चला है. इस बीच इस पूरे मामले पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने देश को संबोधित करेंगे.