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ड्राइवर की कमी और ब्रेक्सिट डील का ब्रिटेन के खुदरा विक्रेताओं पर पड़ सकता है असर : रिपोर्ट

ड्राइवर की कमी और ब्रेक्सिट डील का ब्रिटेन के खुदरा विक्रेताओं पर पड़ सकता है असर : रिपोर्ट

Updated on: 02 Sep 2021, 03:35 PM

लंदन:

ब्रिटेन के खुदरा विक्रेताओं को आने वाले महीनों में ड्राइवरों की कमी का सामना करना पड़ सकता है और ब्रेक्सिट डील का ब्रिटेन के खुदरा विक्रेताओं पर असर पड़ सकता है। एक उद्योग रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

दुकान मूल्य अपस्फीति इस साल जुलाई में 1.2 प्रतिशत थी जो अगस्त में और भी अधिक घटकर 0.8 प्रतिशत पर आ गई है। यह डेटा बुधवार को ब्रिटिश रिटेल कंसोर्टियम और रिसर्च ग्रुप नीलसनआईक्यू से सामने आया हैं।

न्यूज एजेंसी सिन्हुआ ने एक रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि यह गिरावट 12 से 6 महीने की औसत कीमत से 1.5 प्रतिशत 1.2 प्रतिशत की गिरावट की तुलना में बहुत धीमी है।

हालांकि यह अच्छी खबर भी है क्योंकि कुल खुदरा कीमतों में साल दर साल गिरावट आई है, पिछले महीने अगस्त में भी कीमतों में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शिपिंग में देरी और माइक्रोचिप्स की कमी जैसे वैश्विक मुद्दों के कारण कुछ गैर-खाद्य श्रेणियों, जैसे कि इलेक्ट्रोनिक्स में पिछले साल की तुलना में मुद्रास्फीति में तेज वृद्धि देखी गई थी।

फूड रिटेलर्स अपनी कीमतों को कम रखने के लिए लड़ रहे हैं, बढ़ती कमोडिटी और शिपिंग की लागत के साथ-साथ ब्रेक्सिट से संबंधित रेट टेप के बढ़ते दबाव का मतलब है कि यह ज्यादा समय तक टिका नहीं रहने वाला है। इस को देखते हुए आने वाले महीनों में खाने की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

इसी के साथ रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एचजीवी (हैवी गुड्स व्हिकल्स) के 90 हजार ड्राइवरों की कमी ने इस समस्या को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है।

ब्रिटिश रिटेल कंसोर्टियम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हेलेन डिकिंसन ने ब्रिटेन सरकार से मांग की है कि एचजीवी ड्राइवर परीक्षणों की संख्या को बढ़ाया जाए और यूरोपीय संघ ड्राइवरों के लिए अस्थायी वीजा प्रदान करे। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि एचजीवी ड्राइवर ट्रेनिंग को वित्त पोषित करने के तरीके में भी बदलाव होने चाहिएं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.