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लंदन में अजीत डोभाल संग ब्रिटिश एनएसए की मीटिंग में अचानक पहुंचे पीएम ऋषि सुनक

भारत और यूके एक दूसरे के साथ व्यापक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं. दोनों देश मुक्त व्यापार समझौते के लिए भी बातचीत के बीच में हैं, जिनमें से छह दौर की वार्ता संपन्न हो चुकी है.

Updated on: 05 Feb 2023, 05:53 PM

highlights

  • अजित डोभाल ब्रिटिश एनएसए से वार्ता के लिए हैं लंदन में
  • दोनों की बातचीत के दौरान ऋषि सुनक भी अचानक पहुंचे

लंदन:

भारतीय उच्चायोग ने एक बयान जारी कर कहा है कि ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) एक 'स्पेशल जेस्चर' के तहत भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और उनके ब्रिटिश समकक्ष टिम बैरो के बीच लंदन में हुई बैठक में संक्षिप्त रूप से शामिल हुए. डोभाल (Ajit Doval) और बैरो ने ब्रिटेन के कैबिनेट कार्यालय में मुलाकात की, जो कि प्रधानमंत्री का समर्थन करने के लिए जिम्मेदार विभाग है. वॉशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन (Jake Sullivan) के साथ मंगलवार को बैठक के बाद डोभाल लंदन में हैं.

भारतीय उच्चायोग ने शनिवार को ट्वीट किया, 'सर टिम बैरो और मिस्टर डोभाल के बीच भारत-यूके एनएसए वार्ता में कुछ समय के लिए पीएम @rishisunak ने शामिल होकर एक स्पेशल जेस्चर का प्रदर्शन किया.' भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट में आगे कहा, व्यापार, रक्षा, एसएंडटी में रणनीतिक साझेदारी पर पीएम ऋषि सुनक सरकार के आश्वस्त करने वाले रवैये की कद्र करते हैं. भारत  जल्द ही सर टिम की भारत यात्रा की मेजबानी करने को उत्सुक है. गौरतलब है कि अजित डोभाल ऐसे समय ब्रिटेन के दौरे पर हैं, जब 2002 के गुजरात दंगों पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाती बीबीसी की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री पर बहस जारी है. 

भारत और यूके एक दूसरे के साथ व्यापक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं. दोनों देश मुक्त व्यापार समझौते के लिए भी बातचीत के बीच में हैं, जिनमें से छह दौर की वार्ता संपन्न हो चुकी है. पीएम बनने के बाद ऋषि सुनक ने संकेत दिया था कि वह व्यापार सौदों के लिए अपनी पूर्ववर्ती लिज़ ट्रस से एक अलग दृष्टिकोण अपनाएंगे. सुनक ने कहा था, 'मेरा दृष्टिकोण ऐसा होगा जहां हम गति के लिए गुणवत्ता का त्याग नहीं करेंगे.' साथ ही उन्होंने कहा था कि भारत से समझौतों के लिए वह पूरी तरह से समर्पित हैं.  हालांकि ट्रस कुछ हफ्तों ही प्रधानमंत्री रह सकी, उनके प्रशासन ने व्यापार मंत्री के रूप में ब्रिटेन की वार्ताओं के लिए टोन निर्धारित करने का काम किया था.