विश्वभर में कोरोना वायरस ने हड़कंप मचा रखा है. पूरे विश्व में कोरोना के मामले बढ़कर 17.2 करोड़ हो गए हैं. इस महामारी से अब तक कुल 36.9 लाख लोगों की मौत हुई हैं. ये आंकड़े जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय ने साझा किए हैं. कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए कई देशों में वैक्सीनेशन कार्यक्रम चल रहा है. इस बीच यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) से एक बड़ी खबर सामने आई है. रॉयटर्स के अनुसार, यूके ने 12 से 15 साल के बच्चों के लिए फाइजर बायोएनटेक कोविड शॉट (Pfizer BioNTech COVID shot) को मंजूरी दे दी है.
आपको बता दें कि भारत में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन अभियान जोर-शोर से चल रहा है. यहां अभी 18 साल के ऊपर वाले लोगों को वैक्सीन लग रही है, जबकि 2 से 18 साल के बच्चों के लिए वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है. वहीं, शुक्रवार की सुबह अपने नवीनतम अपडेट में, यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने खुलासा किया कि वर्तमान में पूरे विश्व में मामले और मरने वालों की संख्या क्रमश: 172,005,004 और 3,698,128 है.
सीएसएसई के अनुसार, दुनिया में सबसे ज्यादा मामलों और मौतों की संख्या क्रमश: 33,325,514 और 596,395 के साथ अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित देश बना हुआ है. कोरोना संक्रमण के मामले में भारत 28,441,986 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है.
सीएसएसई के आंकड़े के मुताबिक 30 लाख से ज्यादा मामलों वाले अन्य सबसे प्रभावित देश ब्राजील (16,803,472), फ्रांस (5,755,554), तुर्की (5,270,299), रूस (5,040,390), यूके (4,515,778), इटली (4,225,163), अर्जेंटीना (3,884,447), जर्मनी (3,701,692), स्पेन (3,687,762) और कोलंबिया (3,488,046) हैं. कोरोना से हुई मौतों के मामले में ब्राजील 469,388 संख्या के साथ दूसरे नंबर पर है. भारत (337,989), मैक्सिको (228,146), यूके (128,075), इटली (126,342), रूस (120,604) और फ्रांस (109,990) में 100,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है.
वैश्विक कोविड टीकों के लिए भारत में किसी क्लिनिकल परीक्षण की जरूरत नहीं
वैश्विक स्तर पर उपलब्ध कोविड-19 टीके अब भारत में बिना मंजूरी के क्लिनिकल परीक्षण और टीके की हर खेप बिना परीक्षण के लॉन्च की जा सकती है. भारत के औषधि महानियंत्रक ने एक अधिसूचना में कहा है कि जिन टीकों को यूएस एफडीए, ईएमए, यूके एमएचआरए और पीएमडीए जापान द्वारा प्रतिबंधित उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया है और डब्ल्यूएचओ आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) के तहत और जहां लाखों व्यक्तियों को टीका लगाया गया है, उसे परीक्षण की आवश्यकता को छूट दी जा सकती है. इसके लिए जरूरी है कि वैक्सीन बैच को मूल देश की राष्ट्रीय नियंत्रण प्रयोगशाला द्वारा प्रमाणित और जारी किया गया हो.
हालांकि, मानक प्रक्रियाओं के अनुसार बैच रिलीज के लिए सीडीएल, कसौली द्वारा उनके सारांश लॉट प्रोटोकॉल और बैच के विश्लेषण के प्रमाण पत्र की जांच और समीक्षा की जाएगी और सुरक्षा परिणामों के लिए पहले 7 दिनों के लिए पहले 100 लाभार्थियों के मूल्यांकन की आवश्यकता होगी. आगे टीकाकरण कार्यक्रम के लिए शुरू किया गया टीका और अनुप्रयोगों के लिए अन्य प्रक्रियाएं समान रहेंगी.
यह मंजूरी पहले फाइजर और मॉर्डना के टीकों पर लागू होने की संभावना है. एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड और रूस के स्पुतनिक को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. यह स्पष्ट नहीं है कि चीनी टीके इस दायरे में आएंगे या वे भारत में लागू होंगे. यह राष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बाहरी टीकों की बढ़ी हुई उपलब्धता को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है, भले ही घरेलू विनिर्माण को हटाया जा रहा हो.
Source : Mohit Raj Dubey