युगांडा में राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव होने को हैं जिसको लेकर सियासी पारा चढ़ता ही जा रहा है. युगांडा में 14 जनवरी को होने वाले चुनावों से महज दो दनि पहले ही वहां की सरकार ने वहां पर सोशल मीडिया के कुछ प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक और ट्विटर को बैन कर दिया है. कंपाला में देश को एक जनसभा में संबोधित करते हुए वहां के मौजूदा राष्ट्रपति मुसेवेनी ने फेसबुक पर दंभी होने का आरोप लगाया है.
चुनावी सरगर्मियों के चलते मुसेवेनी के कुछ समर्थकों ने फेसबुक पर कुछ ऐसी टिप्पणियां कर दीं थी जिसकी वजह से फेसबुक ने उन समर्थकों के अकाउंट प्रतिबंधित कर दिए थे. जिसके बाद मुसेवेनी ने एक चुनावी रैली के दौरान उन्होंने फेसबुक को घमंडी कहते हुए अपने देश से प्रतिबंधित कर दिया है. उन्होंने सत्ता विरोध में अपने कुछ समर्थकों के एकाउंट्स को फेसबुक द्वारा ब्लाक किये जाने के बाद कहा कि फेसबुक या ट्विटर को यह बिलकुल कहने का अधिकार नहीं है कि उनके देश में कौन अच्छा है और कौन बुरा है.
दरअसल पिछले दिनों संयुक्त राज्य अमेरिका में वैचारिक मुद्दों को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर प्रतिबंध लगाने और उन्हें बैन करने के बाद दुनिया भर में भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. मीडिया में आईं खबरों के अनुसार, युगांडा ने कुछ सरकारी प्रतिनिधियों के सोशल मीडिया अकाउंट को बैन करने के बाद यह फैसला लिया है. जानकारी के मुताबिक युगांडा सरकार ने मंगलवार को युगांडा संचार आयोग (UCC) के माध्यम से इंटरनेट सेवाओं को प्रोवाइड करवाने वालों और सोशल मीडिया एप्स और उनकी वेबसाइटस को बैन करने का आदेश जारी कर दिया है. जानकारी के मुताबिक ट्विटर और फेसबुक युगांडा के कुछ सरकार समर्थकों की आवाज दबाकर देश में होने वाले चुनाव में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहे थे.
Source : News Nation Bureau