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UAE में जहां रुके थे राफेल, उसी के पास हुआ ईरान का मिसाइल हमला

लड़ाकू विमान राफेल आज भारतीय वायुसेना के बाड़े में शामिल हो जाएगा. राफेल की पहली खेप आज अंबाला एयरबेस पहुंचेगी.

Updated on: 29 Jul 2020, 04:18 PM

नई दिल्ली:

लड़ाकू विमान राफेल आज भारतीय वायुसेना के बाड़े में शामिल हो जाएगा. राफेल (rafale) की पहली खेप आज अंबाला एयरबेस पहुंचेगी. इस मौके पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया विमानों को रिसीव करने पहुंचेंगे. साथ ही वह पायलटों से भी मुलाकात करेंगे. फ्रांस से आ रहे 5 राफेल विमान अब तक यूएई के एयरबेस पर मौजूद थे . यहां से उन्होंने अब भारत के लिए उडांन भर दी है.

वहीं बताया जा रहा है कि भारत के राफेल UAE के जिस एयरबेस पर रुके थे उसने नजदीक ही ईरान की ओर से मिसाइल हमला किया गया. ईरानी सैनिकों के युद्धाभ्यास के बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अबू धाबी में अल दाफरा एयरबेस पर मंगलवार (28 जुलाई) को अमेरिकी सैनिकों के साथ ही अल-उदीद एयरबेस को अलर्ट पर रखा गया है. अल-उदीद एयरबेस कतर में अमेरिकी सेना के मध्य कमान का मुख्यालय है.

वहीं दूसरी ओर लम्बे इंतजार के बाद आज राफेल (Rafale) फाइटर अंबाला एयरबेस (Ambala Air base) पर लैंड करेंगे. दिल्ली से महज 200 किमी की दूरी पर स्थित अंबाला एयरबेस रणनीतिक महत्व का स्क्वाड्रन रहा है, जो दिल्ली में वेस्टर्न एयर कमांड के अधिकार में आता है. फरवरी 2019 में पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक के लिए मिराज यहीं से उड़े थे. 1999 के कारगिल युद्ध के समय में भी अंबाला के इस एयरबेस ने अहम भूमिका निभाई थी, जब 234 ऑपरेशनल उड़ानें यहां से भरी गई थीं. यहां पर भारत के जंगी बेड़े की सबसे घातक और सुपरसोनिक मिसाइल, ब्रह्मोस की स्क्वाड्रन भी तैनात है.

अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से भारत-पाक की सीमा सिर्फ 220 किलोमीटर है जबकि, चीन की सीमा यहां से करीब 450 किलोमीटर है. यानी कुछ ही मिनटों पर एक्शन के लिए हमारे फाइटर जेट्स तैयार. अंबाला एयरफोर्स स्टेशन भारतीय वायुसेना का वो एयरफोर्स स्टेशन है जिसे पाकिस्तान ने तबाह करने की साजिश रची थी. लेकिन पाकिस्तान कुछ कर पाता उससे पहले हमारे जवानों ने उसकी बदनीयत को जमींदोज कर दिया था.