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यूएई के इस फैसले से महिलाओं को मिला बराबरी का हक, जानें इस नए अधिकार को

संयुक्त अरब अमीरात के पुरुष यदि किसी विदेशी महिला से शादी करते थे, तब भी उनके बच्चे से नागरिक अधिकार नहीं छीने जाते थे. हालांकि महिलाओं को ये अधिकार प्राप्त नहीं था.

Updated on: 01 Jul 2022, 06:13 PM

highlights

  • अब विदेशी पुरुष से शादी के बाद जन्मे बच्चों को मिलेंगे नागरिक अधिकार
  • पहले यह सुविधा सिर्फ पुरुषों के लिए थी, जिसकी कई बार आलोचना हुई
  • राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने किया प्रस्ताव पारित

अबु धाबी:

तेल भंडार के मामले में दुनिया के छठवें सबसे बड़े देश संयुक्त अरब अमीरात ने प्रगतिशीलता के मोर्चे पर एक और कदम बढ़ा दिया है. यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने महिला सशक्तिकरण और बराबरी के लिहाज से एक महत्वपूर्ण फैसला किया है. इसके तहत अब विदेशी पुरुषों से शादी करने वाली यूएई की महिलाओं के बच्चों को अन्य नागरिकों की तरह ही शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं मिलेंगी. अभी तक यह सुविधा यूएई के पुरुषों के लिए थी. यानी शादी के बाद विदेशी महिला से जन्मे बच्चों को देश के सभी नागरिक अधिकार मिलते थे.  

संयुक्त अरब अमीरात के पुरुष यदि किसी विदेशी महिला से शादी करते थे, तब भी उनके बच्चे से नागरिक अधिकार नहीं छीने जाते थे. सरल शब्दों में यूएई के सामान्य नागरिकों की तरह ही उन्हें भी सभी सुविधाएं मिलती थी. हालांकि महिलाओं को ये अधिकार प्राप्त नहीं था, जिस कारण किसी विदेशी पुरुष से शादी के बाद जन्में बच्चों को यूएई नागरिकों जैसी सुविधाएं और अधिकार नहीं मिलते थे. हालांकि अब राष्ट्रपति के फैसले के बाद विदेशी पुरुष से शादी करने वाली महिला नागरिकों के बच्चों को सामान्य नागरिकों की तरह ही सुविधाएं मिलेंगी.

इस व्यवस्था को उप-प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति मामलों का मंत्रालय नए घोषित प्रस्ताव को लागू करने का काम करेगा. जाहिर है जिस चीज को लेकर यूएई की आलोचना हो रही थी, अब नए प्रस्ताव के बाद लोग सोशल मीडिया पर यूएई सरकार की तारीफ कर रहे हैं. यूएई की महिलाएं भी राष्ट्रपति के इस फैसले से काफी खुश हैं और इसे समानता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम मान रही हैं.