संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री अब्दुल्लाह बिन जाएद अल-नहयान ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से सात मुस्लिम देशों के नागरिकों पर लगया गया प्रतिबंध 'इस्लामोफोबिक' नहीं है और किसी धर्म विशेष पर निशाना नहीं है।
ट्रंप ने राष्ट्रपति पद संभालने के बाद ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सुडान, सीरिया और यमन के नागरिकों के फिलहाल अमेरिका में एंट्री पर रोक लगा दी थी। जबकि अमेरिका के चार राज्यों ने इस फैसले का विरोध करते हुए कोर्ट में याचिका दायर की है।
हालांकि, इन सबसे अलग अब्दुल्लाह बिन जाएद का मानना है कि यह फैसला मुस्लिमों को देखते हुए नहीं लिया गया है।
अब्दुल्लाह ने रूस के विदेश मंत्री से अबु धाबी में मुलाकात के बाद एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'बैन का फैसला अमेरिका ने लिया है और वह अपने देश से जुड़ा कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है। बार-बार यह साबित करने की कोशिश हो रही है कि यह फैसला किसी खास धर्म के खिलाफ है जब अमेरिका प्रशासन खुद ही यह साफ कर चुका है कि उसने किसी खास धर्म को देखते हुए कोई फैसला नहीं लिया है।'
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ट्रंप ने बैन का फैसला पिछले शुक्रवार को लिया था। अमेरिकी प्रशासन ने आतंरिक सुरक्षा को बेहतर करने की बात कहते हुए अपने नीतियों में बदलाव की बात कही थी।
इस फैसले का अमेरिका सहित पुरी दुनिया में विरोध हुआ। वहीं, अमेरिकी एयरपोर्ट पर फंसे कई शरणार्थियों तो पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।
HIGHLIGHTS
- ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सुडान, सीरिया और यमन के नागरिकों की अमेरिका में एंट्री पर है रोक
- अब्दुल्लाह बिन जाएद अल-नहयान के मुताबिक इस्लामोफोबिक से जोड़ना गलत, अमेरिका को अपने फैसले लेने का अधिकार
Source : News Nation Bureau