राजनीतिक संकट से जूझ रहे भारत के पड़ोसी देश मालदीव पर रिपोर्टिंग कर रहे दो भारतीय पत्रकारों को राष्ट्रीय कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है।एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों पत्रकार न्यूज एजेंसी एएफ़पी के लिए काम करते है।
अमृतसर के मनी शर्मा और लंदन में रहने वाले पत्रकार आतिश रावजी पटेल को गिरफ्तार किया गया है। मालदीव के सांसद अली जहीर ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए दोनों पत्रकारों को रिहा करने की मांग की।
भारतीय पत्रकारों कि गिरफ्तारी पर मालदीव के संसद सदस्य अली जरिर ने कहा, 'हमारे यहां प्रेस की स्वतंत्रता खत्म हो चुकी है। कल रात प्रमुख टीवी स्टेशनों में से एक को बंद कर दिया गया। हम पत्रकारों को तुरंत रिहा और लोकतंत्र व कानून के शासन की बहाल की मांग करते है।'
इस मामले पर मालदीव पुलिस ने ट्वीट किया, 'मालदीव में दो पत्रकार (एक ब्रिटिश राष्ट्रीय और एक भारतीय राष्ट्रीय) को एममिग्रेशन एमवी को सौंप दिया गया है। आप्रवासन अधिनियम और विनियम के विरुद्ध काम करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा गया है।'
मालदीव में राजनितिक संकट के चलते आपातकाल की घोषणा कर दी गई है। राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को न मानने के बाद मालदीव में आपातकाल का ऐलान कर दिया है।
दरअसल, मालदीव सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष के 9 नेताओं को रिहा करने का आदेश दिया था। राष्ट्रपति यामीन की सरकार ने इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया। राष्ट्रपति ने मालदीव में आपातकाल का ऐलान कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद और एक अन्य जज अली हमीद को गिरफ्तार कर लिया गया।
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गौरतलब है कि देश में सबसे पहले लोकतांत्रिक ढंग से चुने गए नेता मोहम्मद नशीद ने 2008 में मालदीव की सत्ता संभाली थी। हालांकि फरवरी 2012 में तख्तापलट करते हुए उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया था।
इसके बाद 2015 में आतंकवाद के आरोपों में उन्हें 13 साल कारावास की सजा सुनाई गई थी। हालांकि पूरे मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया जब मालदीव के सर्वोच्च न्यायालय ने नशीद समेत कारावास में बंद राजनेताओं को तुरंत मुक्त करने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने से इंकार करते हुए राष्ट्रपति यामीन ने मालदीव में इमरजेंसी का ऐलान कर दिया। सुप्रीम के चीफ जस्टिस अब्दुला सईद और अन्य जज अली हमीद को गिरफ्तार कर लिया गया था।
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Source : News Nation Bureau