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COVID-19 के खौफ से इस देश के राष्ट्रपति ने बैन किया 'कोरोनावायरस' शब्द

तुर्कमेनिस्तान सरकार अगर ऐसा करती है तो वह अपने देश के नागरिकों का जीवन खतरे में डालने जा रही है. जब पूरा विश्व इस खतरनाक वायरस की चपेट में है तो क्या ऐसे में आपको इस वायरस के बारे में अपने देशवासियों को जागरुक नहीं करना चाहिए

Updated on: 31 Mar 2020, 08:59 PM

नई दिल्ली:

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) का कहना है कि कोरोनावायरस (Corona Virus) संक्रमण की महामारी के बारे में सभी सूचनाओं को दबाने के लिए तुर्कमेन में राष्ट्रपति ने वहां की शब्दावली  से 'कोरोनावायरस' शब्द को ही हटा दिया है. आपको बता दें कि तुर्कमेनिस्तान सरकार अगर ऐसा करती है तो वह अपने देश के नागरिकों का जीवन खतरे में डालने जा रही है. जब पूरा विश्व इस खतरनाक कोरोनावायरस (Corona Virus) की चपेट में है तो क्या ऐसे में आपको इस वायरस के बारे में अपने देशवासियों को जागरुक नहीं करना चाहिए. आपको इसके बारे में अपने देशवासियों को बताना चाहिए ताकि वो खुद जागरुक होकर इस खतरे से निपटने के लिए खुद को तैयार कर सकें.

तुर्कमेनिस्तान में राज्यों-नियंत्रित मीडिया को अब 'कोरोनावायरस' शब्द का उपयोग करने की अनुमति नहीं है और इसे स्कूलों, अस्पतालों और कार्यस्थलों में वितरित स्वास्थ्य सूचना ब्रोशर से भी हटा दिया गया है. तुर्कमेनिस्तान क्रॉनिकल के अनुसार, स्वतंत्र समाचारों के कुछ स्रोतों में से किसी भी न्यूज वेबसाइट पर इस शब्द को लिखने पर उसे बैन कर दिया जा रहा है. इस बारे में पड़ोसी देश ईरान से ऐसी खबरें भी मिली हैं कि कोरोनावायरस से बचाव के लिए अगर यहां के लोग फेस मास्क पहनते हैं या फिर गलियों में आपस में कोरोना वायरस के बारे में बातचीत करते हैं, बस स्टॉप और दुकानों पर अगर कोरोनावायरस की चर्चा करते हैं तो वहां पर सादी वार्दी में खड़ी पुलिस ऐसे लोगों को अचानक से गिरफ्तार कर रही है.

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आरएसएफ के पूर्वी यूरोप और मध्य एशिया डेस्क के प्रमुख, जेनी कैवेलियर ने कहा, तुर्कमेन अधिकारियों ने कोरोनोवायरस के बारे में सभी जानकारी के उन्मूलन के लिए इस चरम विधि को अपनाकर अपनी प्रतिष्ठा कायम रखी है. आपको बता दें कि तुर्कमेनिस्तान में राष्ट्रपति गुरबांगुली बेयरडेमुकामेडॉव के इस फरमान से वहां के नागरिकों को नुकसान उठाना पड़ सकता है. यह बात तुर्कमेन नागरिकों के लिए कहीं ज्यादा खतरनाक हो सकती है कि उन्हें कोरोना वायरस के बारे में जानकारी नहीं दी जाए. यह मानवाधिकारों के उल्लंघन करने जैसा होगा. 

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तुर्कमेन अधिकारियों के अनुसार, तुर्कमेनिस्तान के नागरिकों के पास केवल कोरोनोवायरस महामारी के बारे में बहुत ही कम और एकतरफा जानकारी मालूम है, जबकि तुर्कमेनिस्तान में अब तक कोरोना वायरस से पीड़ित किसी भी मामले का पता नहीं चल पाया है. तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बेयरडेमुकामेडॉव, जिसे वहां के "फादर प्रोटेक्टर" के रूप में भी जाना जाता है, उन्होंने 13 मार्च को सार्वजनिक स्थलों के लिए एक सुरक्षात्मक उपाय के रूप में "हरमाला" नामक पारंपरिक पौधे के साथ उपस्थित होने का आदेश दिया था. आपको बता दें कि भारत के बिहार राज्य की राजधानी पटना में 1 हफ्ते पहले तुर्कमेनिस्तान से आए 12 धर्म प्रचारकों को गिरफ्तार किया गया था. इन लोगों के टेस्ट में कोरोना की पुष्टि नही हुई थी