Turkish ground operation in Syria possible any time: तुर्किये की सेनाएं पूरी तरह से तैयार हैं. वो किसी भी पल सीरियाई धरती पर ऑपरेशन शुरू कर सकती हैं. ये ऑपरेशन एयरफोर्स से लेकर जमीनी सेना की संयुक्त कार्रवाई होगी. इस कार्रवाई के दौरान सीरियाई धरती पर कुर्दिश अलगाववादी निशाने पर होंगे. तुर्किये की सेना सीरियाई सेना या अन्य विदेशी शक्तियों से लड़ाई मोल नहीं लेगी. वो कुर्दिश बलों के कब्जे वाले इलाके में इस अभियान को अंजाम देगी. तुर्किये की सेना सीरियाई जमीन पर कुर्दिश बलों खासकर वाईपीजी के खिलाफ इस अभियान को अंजाम देगी. ये पूर्ण युद्ध के तौर पर नहीं, बल्कि विशेष सैन्य अभियान के तौर पर रहेगा.
वाईपीजी से पंगा पड़ेगा भारी?
तुर्किये अपने देश में कुर्दों को अलगाववादी मानता है. कुर्दों की मांग है कि आबादी के लिहाज से इराक, इराज, सीरिया और तुर्की के कुछ इलाके मिलाकर उनके लिए अलग देश कुर्दिस्तान बने. इसके लिए कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी ( Kurdistan Workers' Party-PKK ) लगातार अभियान चला रही है. इराक में कुर्दों को स्वायत्तता हासिल हो चुकी है. सीरिया में वो आईएस के खिलाफ अमेरिकी लड़ाई में सहयोगी रह चुके हैं, इसलिए सीरिया में भी उनकी जमीन काफी मजबूत है. वो बड़े इलाके को कंट्रोल कर रहे हैं. लेकिन तुर्किये पीकेके की सैन्य इकाई वाईपीजी को भी आतंकवादी मानता है और दो बार पहले भी सीरिया में उसके खिलाफ अभियान चला चुका है. लेकिन इस बार का अभियान उस पर भारी भी पड़ सकता है. क्योंकि वो भूमध्य सागर में अपने पड़ोसी देशों के साथ भी काफी तनावपूर्ण समय का सामना कर रहा है. ऐसे में सीरिया में वो कहीं लंबी लड़ाई में न फंस जाए. हालांकि अब राजधानी अंकारा की तरफ से ये साफ किया जा चुका है कि उसकी सेनाएं पूरी तरह से तैयार हैं. और वो किसी भी पल इस अभियान को शुरू कर सकता है.
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रूस की शह मिलने के बाद कार्रवाई?
इस समय रूस यूक्रेन पर तेजी से दबाव बना रहा है. हाल ही उसने नमक के खानों के लिए मशहूर एक शहर पर कब्जा किया है. तुर्किये रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत कराने में सफल रहा है. उसकी कोशिशों के चलते रूसी व्यापार भी तेजी से बढ़ रहा है. वहीं, वो नाटो समूह का सदस्य भी है. लेकिन सीरिया में उसके अलग हित हैं. सीरिया में वाईपीजी अमेरिका का सहयोगी रहा है. उसे अमेरिकी हथियार भी मिलते रहे हैं. वहीं, रूस उनके खिलाफ रहा है, क्योंकि वाईपीजी अमेरिका का सहयोगी है. यहां तुर्की वाईपीजी का दुश्मन है, लेकिन उसने सीरियाई सीमा से अपनी सीमा में आए रुसी लड़ाई विमान को मार गिराया था. यहां रिश्ते बहुत उलझे हुए हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि तुर्किये एक नया फ्रंट इसीलिए खोल रहा है, क्योंकि इस समय अमेरिका उसे पर्याप्त भाव नहीं दे रहा है. रूस इस मोर्चे को खुलवाने के बाद बाकी देशों का ध्यान यूक्रेन से हटाना चाहता है. ऐसे में जंग का ये नया फ्रंट यूक्रेन से लेकर सीरिया तक शक्ति संतुलन को बदलने वाला साबित हो सकता है.
HIGHLIGHTS
- सीरिया फिर बन सकता है जंग का मैदान
- किसी भी पल सीरियाई धरती पर ऑपरेशन शुरू कर सकता है तुर्की
- कुर्दिश अलगाववादियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाएगा तुर्की