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ईरान के बाद और देशों ने अमेरिका के खिलाफ अपनाए तीखे तेवर, 'डील ऑफ द सेंचुरी' पर इन देशों में उबाल

मध्य पूर्व (Middle East) के लिए अमेरिका (Donald Trump) द्वारा हाल ही में पेश की गई शांति योजना के खिलाफ ट्यूनीशिया (Tunisia) की राजधानी ट्यूनिश में जबर्दस्त उबाल आया हुआ है.

Updated on: 06 Feb 2020, 12:11 PM

highlights

  • अमेरिका की 'डील ऑफ द सेंचुरी' के खिलाफ मध्य पूर्व में उबाल.
  • ट्यूनीशिया में हजारों नागरिक अमेरिका के खिलाफ सड़कों पर उतरे.
  • तुर्की और अल्जीरिया के तेवर भी इस मसले पर बेहद तीखे.

ट्यूनिश:

मध्य पूर्व (Middle East) के लिए अमेरिका (Donald Trump) द्वारा हाल ही में पेश की गई शांति योजना के खिलाफ ट्यूनीशिया (Tunisia) की राजधानी ट्यूनिश में जबर्दस्त उबाल आया हुआ है. राजधानी में सैकड़ों प्रदर्शनकारी (Protesters) सड़क पर उतर कर अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. इस योजना को 'डील ऑफ द सेंचुरी' (Deal Of The Century) के नाम से भी जाना जाता है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार प्रदर्शनकारियों में सिविल सोसायटी, पेशेवर संगठनों और राजनीतिक दलों के साथ-साथ स्वतंत्र कार्यकर्ता भी शामिल थे. प्रदर्शन के आयोजक ट्यूनीशियन जनरल लेबर यूनियन के महासचिव नौरेडाइन तबौबी ने दो टूक कह दिया है कि फिलिस्तीन ना बिक्री के लिए है और ना कभी होगा. तुर्की (Turkey) और अल्जीरिया (Algeria) के भी इस डील के खिलाफ तेवर काफी कड़े हैं.

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जेरूशलम फिलिस्तीन की सर्वकालिक राजधानी
उन्होंने कहा कि अल-कुद्स (जेरूशलम) फिलिस्तीन की सर्वकालिक राजधानी है. तबौबी ने 'यहूदी देश से संबंध कायम रखने वाले सभी लोगों को अपराधी की श्रेणी में रखने का आवाह्न करते हुए इजरायल को अरब दुनिया के करीब लाने के सभी प्रयासों' की निंदा की. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 28 जनवरी को वॉशिंगटन में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की उपस्थिति में शांति योजना की घोषणा की थी. अमेरिकी शांति योजना के तहत इजरायल-फिलिस्तीन शांति प्रक्रिया में विवादित पवित्र शहर जेरूशलम को इजरायल की अविभाजित राजधानी का दर्जा दिया गया है वहीं फिलिस्तीन की राजधानी पूर्वी जेरूशलम के बाहरी क्षेत्र में मानी गई है.

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तुर्की के राष्ट्रपति भी विरोध में
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की तथाकथित डील ऑफ द सेंचुरी के खिलाफ कड़ा विरोध दोहराया है. उन्होंने मुस्लिम देशों से फिलिस्तीनियों के लिए और येरुशलम में अपनी पवित्र स्मारकों के संरक्षण के लिए अपनी आवाज उठाने का आग्रह किया है. एर्दोआन ने सत्तारूढ़ जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी (एके पार्टी) के प्रांतीय प्रमुखों की बैठक में कहा, 'हम कभी भी ये स्वीकार नहीं करेंगे (ट्रम्प की तथाकथित डील ऑफ द सेंचुरी) जिसका उद्देश्य फिलिस्तीनी जमीनों पर कब्जा करना है.