भारत के हाथ UNSC की कमान, इन 3 बड़े मुद्दों पर होगी चर्चा
टीएस त्रिमूर्ति ने कहा कि भारत इस महीने के लिए यूएनएससी के अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करके बहुत खुश है. यह हमारा 8वां कार्यकाल है.
नई दिल्ली :
भारत ने दुनिया की सबसे शक्तिशाली संस्था संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की कमान 1 अगस्त को संभाल लिया. इसकी अध्यक्षता पीएम नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi) करेंगे. भारत का पहला कार्यकारी दिवस सोमवार यानी आज से हैं. संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टीएस त्रिमूर्ति ने पदभार संभाला है. टीएस त्रिमूर्ति ने कहा कि भारत इस महीने के लिए यूएनएससी के अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करके बहुत खुश है. यह हमारा 8वां कार्यकाल है. उन्होंने आगे कहा कि यह कार्यकाल हमें अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा पर कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियों को आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर देता है.
त्रिमूर्ति ने कार्यकाल का खाका पेश करते हुए बताया कि तीन प्रमुख क्षेत्र हैं जिन पर हम अगस्त में ध्यान केंद्रित करेंगे. समुद्री सुरक्षा, शांति स्थापना और आतंकवाद का मुकाबला. हम अपनी अध्यक्षता के दौरान 3 हस्ताक्षर कार्यक्रमों के माध्यम से इन पर ध्यान केंद्रित करेंगे. हमारी विदेश नीति में समुद्री सुरक्षा को बहुत उच्च प्राथमिकता दी गई है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत त्रिमूर्ति ने आगे कहा कि हम दुनिया भर में आतंकवादी गतिविधियों की अभिव्यक्तियों को उजागर करने में कभी भी विफल नहीं हुए हैं, खासकर अब, उदाहरण के लिए, अफ्रीका में जहां यह बढ़ रहा है. हम आईएसआईएल (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवेंट) पर सेसी जनरल की रिपोर्ट पर चर्चा करने और इस मामले पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद करते हैं.
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उन्होंने आगे कहा कि कोरोना काल में संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों और संसाधनों पर दबाव बढ़ गया है. इस परिदृश्य में संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्राथमिकता विशेष रूप से यूएनएससी में उन मुद्दों पर बहुत स्पष्ट रूप से ध्यान केंद्रित किया गया है जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए सीधे प्रासंगिक हैं.
उदाहरण के लिए अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, शांति स्थापना, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ाना, विकासशील देशों के मुद्दों विशेष रूप से अफ्रीका और छोटे राज्यों के प्रति संवेदनशीलता, बहुपक्षवाद में सुधार, और महिलाओं और मानव-केंद्रित विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाना.
टीएस त्रिमूर्ति ने आगे कहा कि हम एक गंभीर और जिम्मेदार आवाज रहे हैं. खासतौर से जब परिषद ध्रुवीकृत है तब भी हम अलग-अलग विचारों को रखते आए हैं. जब P5 (अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस) का दृष्टिकोण अलग था, तब भी हम बाहर खड़े होने में नहीं हिचकिचाते.
बता दें कि सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता हर महीने अंग्रेजी के वर्णमाला के आधार पर बदलती रहती है. भारत 1 जनवरी 2021 को सुरक्षा परिषद का सदस्य बना था और उसे अपने कार्यकाल के दौरान दो बार अध्यक्ष बनने का मौका मिलेगा.भारत का यह कार्यकाल एक महीने तक चलेगा.भारत के अध्यक्ष बनने से पाकिस्तान को मिर्ची लगी है.
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