अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 12 जून को किम जोन उन के साथ होने वाली बैठक कैंसिल कर दी है। बता दें कि पिछले सप्ताह प्योंगयांग की इसे रद्द करने की धमकी के बाद इस मुलाकात पर संशय के बादल मंडराने लगे थे।
ट्रंप ने बैठक रद्द किए जाने को लेकर उत्तर कोरिया को पत्र लिखकर बताया, 'दुखद, आपके हाल के बयान में खुले तौर पर दुशमनी और ग़ुस्सा दिख रहा है और ऐसे हालात में 12 जून को होने वाली लंबे समय से प्रस्तावित बैठक पूरी तरह अनुचित मालूम होती है।'
ट्रंप ने कहा, '12 जून को हमारे बीच होने वाली मुलाकात के लिए आपने जो धैर्य दिखाया है, वक्त दिया है और कोशिश की है मैं उसकी तारीफ करता हूं। हमें कहा गया था कि मीटिंग की पैरवी आपके ओर से की गई है, लेकिन अब ये हमारे लिए अप्रसांगिक हो चुका है, आपके हालिया बयान में आपने जो गुस्सा और शत्रुता दिखाई है, इसके बाद मैं समझता हूं कि हम दोनों के बीच मुलाकात का ये अच्छा वक्त नहीं है। इसलिए आप इस पत्र के जरिये ही समझिए की सिंगापुर में हमारी बैठक, जो कि दुनिया में शांति के लिए पहुंत जरूरी थी, नहीं होने जा रही है।'
The full letter from the President Trump to Chairman Kim Jong Un : https://t.co/RJD9qV0HSlpic.twitter.com/b0BEf0mKWf
— The White House (@WhiteHouse) May 24, 2018
ट्रंप ने आगे लिखा है, 'आप अपने परमाणु क्षमता की धौंस देते हैं, लेकिन हमारी ये परमाणु क्षमता इतनी बड़ी और इतनी शक्तिशाली है कि मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि कभी इसका इस्तेमाल करने की नौबत ना आए।'
ट्रंप ने आगे 'एक खोया हुआ अवसर' बताते हुए लिखा कि उम्मीद है कि एक दिन ऐसा ज़रूर आएगा जब किम से मुलाक़ात होगी।
इससे पहले उत्तर कोरिया ने अमेरिका द्वारा एकतरफा परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए बाध्य करने की आलोचना की थी।
उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) द्वारा जारी बयान में उपविदेश मंत्री चो सून हुई ने कहा कि 12 जून को किम जोंग उन और ट्रंप के बीच होने वाली बैठक वॉशिंगटन के रुख पर निर्भर करेगी।
चो ने कहा, 'अमेरिका हमसे बैठक कक्ष में मिलेगा या परमाणु मुकाबला करेगा, यह पूरी तरह से अमेरिका के रुख पर निर्भर करेगा।'
उन्होंने कहा, 'यदि अमेरिका हमारी सद्भावना का अपमान करता है और अपने अनैतिक और अपमानजक कृत्यों से जुड़ा रहता है तो मैं अपने सर्वोच्च नेता के समक्ष इस सम्मलेन पर दोबारा विचार करने का सुझाव रखूंगी।'
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन और ट्रंप की मंगलवार को वॉशिंगटन में मुलाकात के बाद उत्तर कोरिया की ओर से यह धमकी आई।
हालांकि उत्तर कोरिया ने अपनी बात पर कायम रहते हुए गुरुवार को अपने परमाणु परीक्षण स्थल को विदेशी पत्रकारों की मौजूदगी में नष्ट किया। उत्तर हैमग्योंग प्रांत के किल्जू में पुंग्ये-री को उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम के सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक माना जाता है। एक अन्य स्थल योंगबयोन परिसर है।
योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया के सभी छह परमाणु परीक्षण यहीं किए गए। इसमें सितंबर में किया गया सबसे शक्तिशाली विस्फोट भी शामिल था।
यह 1,000 मीटर से ज्यादा ऊंचे पहाड़ो से घिरा हुआ है और भूमिगत ग्रेनाइट चट्टानों के नीचे बना हुआ है। जानकारों का कहना है कि पुंग्ये-री में विस्फोटक झटके बर्दाश्त करने और रेडियोधर्मी रिसाव के जोखिम को कम करने के लिए सर्वोत्तम भौगोलिक स्थितियां हैं।
इसमें चार भूमिगत सुरंगें थीं। इन्हें खतरनाक गैस या मलबे को रोकने के लिए बनाया गया था। खतरे को कम करने के लिए कई विभाजन दीवारों और लॉक दरवाजों को भी लगाया गया था।
ऐसा कहा जाता है कि उत्तर कोरिया का 2006 का परमाणु परीक्षण पूर्वी सुरंग में किया गया था। इसे रेडियोएक्टिव सम्मिश्रण के कारण बंद कर दिया गया था।
इसके बाद दूसरा परीक्षण 2009 में व तीसरा 2013 मे पश्चिमी सुरंग में किया गया। हाल में हुए तीन परीक्षण उत्तरी सुरंग में किए जाने की बात कही जाती है।
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Source : News Nation Bureau