पेरिस समझौते से बाहर आने के लिये ट्रंप ने चीन-भारत को ठहराया जिम्मेदार

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते से बाहर निकलने के अपने पिछले साल के फैसले के लिए एक बार फिर भारत और चीन पर दोष मढ़ा है।

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pradeep tripathi
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पेरिस समझौते से बाहर आने के लिये ट्रंप ने चीन-भारत को ठहराया जिम्मेदार

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते से बाहर निकलने के अपने पिछले साल के फैसले के लिए एक बार फिर भारत और चीन पर दोष मढ़ा है।
उन्होंने कहा है कि समझौता अनुचित था और इससे फायदा पा रहे देशों के लिये अमेरिका को कीमत चुकानी पड़ती।

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पिछले साल जून में ट्रंप ने पेरिस समझौते से बाहर निकलने की घोषणा की थी और कहा था कि इस समझौते से अमेरिका को अरबों डॉलर का नुकसान हो सकता था। जिससे नौकरियां प्रभावित होतीं साथ ही तेल, गैस, कोयला और निर्माण उद्योग भी प्रभावित होता।

ट्रंप ने संकेत दिया है कि वो इस मसले पर नए सिरे से चर्चा करने के लिये तौयार हैं। जिसमें कुछ सालों में 200 के करीब देश शामिल हुए हैं।

पोलिटिकल कंसर्वेटिव कमेटी में दिए अपने भाषण में ट्रंप ने कहा, ‘हमने पेरिस जलवायु समझौते को छोड़ दिया। यह घातक होता। यह हमारे देश के लिए काफी नुकसानदायक रहता।’

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ट्रंप ने दलील दी कि चीन और भारत को पेरिस समझौते से सबसे ज्यादा फायदा है। उन्होंने कहा था कि यह समझौता अमेरिका के लिए अनुचित है क्योंकि इससे व्यापार और नौकरियों पर काफी बुरा असर पड़ सकता है।

उन्होंने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा, 'आपके पास काफी तेल और गैस है जो हमें मिला है। तकनीक काफी बेहतर रही है और हमने वो पाया जा हम जानते नहीं थे... लेकिन हमारे पास सबसे ज्यादा ऊर्जा है, कोयला है बहुत कुछ है।'
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चान पर उन्होंने कहा, '... और चीन, उनका समझौता 2030 तक काम नहीं किया है ना? हमारे समझौते ने तुरंत काम किया। '

भारत और दूसरे देशों पर टिप्पणी करते हुए ट्रंप ने कहा, 'अन्य देशों, बड़े देशों --भारत और दूसरे --- इनकी कीमत हमें चुकानी पड़ती। क्योंकि वे खुद को उभरता देश मानते हैं।'

उन्होंने कहा, 'वे उभरते देश हैं। मैंने कहा, हम क्या है? क्या हमें भी आगे बढ़ने दिया जा रहा है।'

ट्रंप ने कहा, 'वे भारत को विकासशील देश कहते हैं। चीन को विकासशील देश कहते हैं। लेकिन अमेरिका विकसित है, तो हम कीमत चुका सकते हैं।'

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Source : News Nation Bureau

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