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इस परजीवी को मारने वाली दवा से होगा कोरोना वायरस का खात्मा! US में क्लीनिकल ट्रायल शुरू

इस दवा को लेकर अमेरिका में क्लीनिकल ट्रायल भी शुरू हुआ है. जिसके बारे में आप जानकर हैरान हो जाएंगे. आपको बता दें कि इस दवा का उपयोग सिर के बालों में मौजूद जुएं के खात्मे के लिए किया जाता है. पिछले कुछ दिनों से अमेरिकी डॉक्टरों ने इस बात को लेकर आशंका

Updated on: 13 May 2020, 09:05 PM

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस ने अपने कहर से पूरी दुनिया को नेस्तानाबूद कर दिया है. पूरा विश्व कोरोना वायरस के खात्मे के लिए वैक्सीन की खोज में लगा हुआ है. इस बीच कई देशों ने कई दवाओं पर कोरोना वायरस को खत्म करने का भरोसा भी जताया है इनमें से कुछ दवाओं पर क्लीनिकल ट्रायल भी जारी है. ऐसी एक दवा जिसका उपयोग हम अपने सिर में जूएं मारने के लिए उपयोग करते हैं, इसको लेकर भी इस बात का दावा किया जा रहा है कि इससे भी कोरोना वायरस का खात्मा हो जाता है.

इस दवा को लेकर अमेरिका में क्लीनिकल ट्रायल भी शुरू हुआ है. जिसके बारे में आप जानकर हैरान हो जाएंगे. आपको बता दें कि इस दवा का उपयोग सिर के बालों में मौजूद जुएं के खात्मे के लिए किया जाता है. पिछले कुछ दिनों से अमेरिकी डॉक्टरों ने इस बात को लेकर आशंका जताई थी कि अगर ये दवा कोरोना वायरस पर ट्रायल की जाए तो इससे कोरोना का इलाज संभव है. इस बात के दावे को जांचने के लिए अमेरिका में इस दवा पर क्लीनिकल ट्रायल शुरू कर दिया गया है.

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तो चलिए अब आपको इस दवा का नाम भी बता देते हैं. इस दवा का नाम है आइवरमेक्टिन (Ivermectin) पिछले महीने इस दवा से अमेरिकी वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला की जांच में पूरी तरह से सफल पाये जाने का दावा किया था. इस दवा ने कोरोना वायरस को लैब में मार दिया था, इसके बाद से अमेरिका में अब इस दवा का क्लीनिकल ट्रायल शुरू कर दिया गया है. यूएस के डॉक्टरों की माने तो इस दवा के साथ एजिथ्रोमाइसिन, कैमोस्टेट मीसाइलेट का भी ट्रायल होगा. इसके बाद सभी दवाओं का अलग-अलग और कॉम्बिनेशन के रूप में ट्रायल किया जाएगा. इन दवाओं में से जो भी ज्यादा कारगर होगा उसे आगे बढ़ाया जाएगा.

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हालांकि अभी अमेरिकी एक्सपर्ट्स ने इस बात का भी दावा किया है कि अभी तक कोई भी ऐसी दवा नहीं बनी है  बनी है जो कोरोना वायरस को खत्म कर सके, और न ही कोई ऐसी वैक्सीन बनी है. इसलिए एक्सपर्ट्स का कहना है कि वो तीनों दवाओं का कॉम्बिनेशन और अकेले के असर को देखना चाहते हैं. आपको बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब किसी देश ने कोरोना वायरस की दवा के बारे में दावा किया हो इसके पहले बगदाद यूनिवर्सिटी ने भी 5 मई को आइवरमेक्टीन दवा का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया था. यहां पर आइवरमेक्टीन 0.2 से लगभग 50 मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है.