पंजशीर में आवागमन और दूरसंचार सेवाएं हुईं शुरू... 20 दिन बाद खुली सेवाएं

अफगानिस्तान के हालात किसी से छिपे नहीं है...पिछले एक माह से वहां के आवाम को किन परेशानियों से गुजरना पड़ा है इसका अंदाजा रोजाना हो रही वायरल तस्वीरों को देखकर लगाया जा सकता है. लेकिन आज पंजशीर से खुशखबरी आई है.

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Sunder Singh
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सांकेतिक तस्वीर( Photo Credit : social media)

अफगानिस्तान के हालात किसी से छिपे नहीं है...पिछले एक माह से वहां के आवाम को किन परेशानियों से गुजरना पड़ा है इसका अंदाजा रोजाना हो रही वायरल तस्वीरों को देखकर लगाया जा सकता है. लेकिन आज पंजशीर से खुशखबरी आई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पंजशीर में सड़के व दूरसंचार सेवाएं शुरु कर दी गई हैं. ये सेवाएं पिछले 20 दिनों से बंद थी. जिसके चलते लोगों के घरों में राशन तक खत्म हो गया था. घर बैठे-बैठे लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच गए थे. लगभग 20 दिनों के बाद, पंजशीर प्रांत की ओर जाने वाली सड़कों को फिर से खोल दिया गया है और दूरसंचार सेवाएं बहाल कर दी गई हैं, कार्यवाहक कैबिनेट के अधिकारियों और प्रांत के निवासियों ने पुष्टि की है. जिसके बाद नागरिकों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है.

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यह भी पढें :तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान में कब्जा कर लिया है. अब अफगानिस्तान में वीजा के लिए मारामारी चल रही है. ट्रैवल एजेंसियां वीजा के लिए लाखों रुपये कमा रही हैं.

गौरतलब है कि इससे पहले यह खबर आई थी कि तालिबान के लड़ाकों ने पंजशीर में लड़ाई शुरू होते ही सड़क के साथ बिजली और संचार सेवाएं काट दी थी. एक परिवार जिसने इस इलाके में हुई आखिरी लड़ाई में अपने बेटा खोया, उसने कहा कि पंजशीर प्रांत में मानवीयता का घोर संकट पैदा हो रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वहां रहने वाले शायस्ता मेहराबन ने कहा, "हमले और संघर्ष बढ़े, लोग पहाड़ों पर भी भाग गए." दूसरी तरफ, पूर्व जिहादी नेता अब्दुल रब रसोल सयाफ ने प्रांत में आक्रमण को शीघ्र समाप्त करने का आह्वान करते हुए कहा कि युद्ध में नागरिकों को चोट नहीं पहुंचानी चाहिए. अब वहां तालिबानी शासन के चलते नागरिकों को राहत दी है.. जिससे लोगों ने चैन की सांस ली है.

स्थिति सामान्य 
पंजशीर में स्थानीय सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक अब स्थिति पूरी तरह सामान्य है..महिलाओं, बच्चों और लोगों की रक्षा करना हमारा दायित्व है.. स्थानीय सुरक्षा अधिकारी मौलवी सना संगीन फातिह ने कहा कि बिजली और भोजन की कमी जैसे सभी मुद्दे झूठ हैं. इस बीच, न्यूयॉर्क टाइम्स ने रिपोर्ट किया है कि प्रतिरोध मोर्चे के नेता अहमद मसूद ने प्रतिरोध मोर्चे के लिए समर्थन जुटाने के लिए संयुक्त राज्य में एक पैरवीकार को काम पर रखा है. अहमद मसूद के एक करीबी सूत्र ने कहा कि इसका उद्देश्य तालिबान को मान्यता देने से हतोत्साहित करना है. बताया गया कि अंतरराष्ट्रीय फंडिंग और वैधता हासिल करने के लिए तालिबान भी ऐसा ही करना चाहता है.

HIGHLIGHTS

  • 20 दिन बहाल की गई सेवाएं 
  • लोग आ गए थे भुखमरी के कगार पर
  •  सेवाएं शुरु होने के बाद लोगों के चेहरे पर आई रोनक 
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