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'अवार्ड वापसी' की हवा कनाडा पहुंची, नव भाटिया ने ग्लोबल इंडियन अवार्ड लौटाया

भारतीय मूल के नव भाटिया ने 50,000 डॉलर के ग्लोबल इंडियन अवार्ड मिलने के एक दिन बाद अब इसे ठुकराने का फैसला किया है.

Updated on: 30 Dec 2020, 08:57 AM

टोरंटो:

नए कृषि कानूनों के खिलाफ महाने भर से ज्यादा समय से चल रहे किसान आंदोलन को सात समंदर पार के कई देशों से भी समर्थन मिल रहा है. इनमें भी सबसे ऊपर नाम ब्रिटेन और कनाडा का आता है. देश में भी कांग्रेस समेत विपक्षी दल और विशिष्ट लोग अपने-अपने तर्कों के साथ आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं. यह अलग बात है कि देश में असहिष्णुता समेत मोदी सरकार के खिलाफ अवार्ड वापसी गैंग की हवा अब सात समंदर पार भी पहुंच गई है. यही वजह है कि कनाडा में भारतीय मूल के नव भाटिया ने ग्लोबल इंडियन अवार्ड कबूल करने के बाद लौटा दिया. नव भाटिया वॉलीबॉल खिलाड़ी हैं.

जानकारी के मुताबिक मौजूदा एनबीए चैंपियन टोरंटो रैप्टर्स के आधिकारिक 'सुपरफैन' और कनाडा में एक अलग पहचान रखने वाले भारतीय मूल के नव भाटिया ने 50,000 डॉलर के ग्लोबल इंडियन अवार्ड मिलने के एक दिन बाद अब इसे ठुकराने का फैसला किया है. कनाडा-इंडिया फॉउंडेशन ने भाटिया को रविवार को यहां उनके वर्चुअल गाला के दौरान इस पुरस्कार से सम्मानित किया था.

पुरस्कार स्वीकार करते हुए भाटिया ने अपने पहले से रिकॉर्ड किए गए भाषण में कहा था कि उन्हें पहले से ही यह अवार्ड पाने वाले रतन टाटा, दीपक चोपड़ा, नारायणमूर्ति और मोंटेक सिंह अहलूवालिया जैसे दिग्गजों की सूची में शामिल होने पर काफी सम्मानित महसूस हो रहा है. हालांकि इसके एक दिन बाद ही भाटिया ने भारत में किसानों के आंदोलन के समर्थन में पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया.

भाटिया ने अपने एक बयान में कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो मैं राजनीति से दूर ही रहता हूं, लेकिन मैं एक गौरवशाली सिख हूं और यही सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण है. नतीजतन मेरा दिल इस समय इस पुरस्कार को स्वीकार नहीं कर सकता है, क्योंकि पूरे भारत में मेरे भाई और बहन दुख में हैं. मैं भारत के सभी किसानों के साथ खड़ा हूं. मैं एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रार्थना करता हूं.'

गौरतलब है कि टोरंटो स्थित इंडो-कनाडाई एडवोकेसी ग्रुप, कनाडा-इंडिया फाउंडेशन 2009 के बाद से हर साल अपने ग्लोबल इंडियन अवार्ड के लिए उत्कृष्ट भारतीय चेहरे को सम्मानित करता है.