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Omicron को हराने के लिए 100 दिन में बूस्टर, कितनी तैयारी

बोस्टन से 20 मील उत्तर हाईवे पर फाइजर के हजारों कर्मचारी लगातार कोरोना वैक्सीन की डोज बनाने में लगे हैं. जिससे जल्द से जल्द कोविड-19 के नए म्यूटेड वेरिएंट से मुकाबला किया जा सके. वैक्सीन की सुरक्षा के बावजूद ओमीक्रॉन से संक्रमण का जोखिम बढ़ गया है.

Updated on: 14 Dec 2021, 03:12 PM

highlights

  • फाइजर, मॉडर्ना, एस्ट्राजेनेका, बायोएनटेक कंपनियों के बीच बूस्टर उत्पादन की होड़
  • ओमीक्रॉन के खिलाफ सुरक्षा में वैक्‍सीन की दो डोज नाकाफी बताया जा रहा
  • सोमवार को ओमीक्रॉन वेरिएंट के कारण ब्रिटेन में पहली मौत की पुष्टि

Washington:

कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन (omicron) ने फाइजर (Pfizer Inc) और एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca Plc) वैक्‍सीन के डोज से मिलने वाली सुरक्षा में कमी की वजह से बूस्टर डोज की जरूरत को बढ़ा दिया है. बोस्टन से 20 मील उत्तर हाईवे पर फाइजर के हजारों कर्मचारी लगातार कोरोना वैक्सीन की डोज बनाने में लगे हैं. जिससे जल्द से जल्द कोविड-19 के नए म्यूटेड वेरिएंट से मुकाबला किया जा सके. वैक्सीन की सुरक्षा के बावजूद ओमीक्रॉन से संक्रमण का जोखिम बढ़ गया है. एंडूवर, मैसाचुएट्स में 70 एकड़ में फैली जगह पर थैंक्सगिविंगडे के तुरंत बाद से युद्ध स्तर पर नए वेरिएंट से जंग के लिए वैक्सीन का बूस्टर डोज तैयार करने में लगे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से चिंता जताने के बाद इसकी स्पीड बढ़ा दी गई है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह परिणाम उन अन्‍य विचारों की पुष्टि करते हैं जिनमें कोरोना वैक्‍सीन के बूस्‍टर डोज की जरूरत बताई गई है. फाइजर, मॉडर्ना, एस्ट्राजेनेका, बायोएनटेक वगैरह प्रतिस्पर्धी कंपनियों के बीच अब बूस्टर डोज के उत्पादन की होड़ लगती दिख रही है. सबके आलाधिकारियों अपने देश में प्रशासकीय, मेडिकल और कंपनियों से लगातार बैठकें कर रहे हैं. ओमीक्रॉन के खिलाफ सुरक्षा में दो वैक्‍सीन को अपर्याप्‍त समझे जाने के बीच, सरकार ने मौजूदा महामारी संकट के बीच बूस्‍टर प्रोग्राम को गति देने की योजना बनाई है. ब्रिटेन में पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा है कि नेशनल हेल्‍थ सर्विस को नए वर्ष तक सभी वयस्‍कों को बूस्‍टर डोज के टारगेट को हासिल करने के लिए अपने टीकाकरण के रोजाना रिकॉर्ड  को पीछे छोड़ना होगा. सोमवार को ओमीक्रॉन वेरिएंट के कारण ब्रिटेन में पहली मौत की पुष्टि हुई थी. 

ओमीक्रॉन वेरिएंट को समझने में लगेगा ज्यादा वक्त

ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने अपने रिसर्च पेपर में बताया है कि दो अलग-अलग वैक्सीन के साथ एकत्र किए गए लोगों के ब्‍लड सैंपल्‍स और नए स्‍ट्रेन के खिलाफ किए गए परीक्षण में डेल्‍टा वेरिएंट की तुलना में कोरोना से बचाव के लिए जरूरी एंटीबॉडीज में गिरावट पाई गई है. ऑक्‍सफोर्ड के साथ एस्ट्राजेनेका के वैक्सीन को विकसित करने में योगदान देने वालों में एक टेरेसा लेंबे के मुताबिक ओमीक्रॉन वेरिएंट के असर को बेहतर तरीके से समझने में अभी कुछ और सप्‍ताह का समय लग सकता है.

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टेरेसा लेंबे ने बताया कि उन्हें उम्‍मीद है कि मौजूदा टीका, गंभीर बीमारियों और अस्‍पताल में भर्ती होने से बचाएगा. हमने पहले भी यह देखा है. हम और दूसरे वैक्‍सीन बनाने वालों का मानना है कि अगर नए वेरिएंट की नई वैक्‍सीन की जरूरत है तो तेजी से इस बारे में आगे बढ़ सकते हैं. ऑक्‍सफोर्ड के मेडिकल साइंस डिवीजन के प्रमुख गेविन स्‍केरेटन ने लोगों को अधिक से अधिक सतर्कता बरतने सलाह दी है. उनका मानना है कि केसों की संख्‍या बढ़ने से हेल्‍थ सिस्‍टम पर दबाव बढ़ सकता है. 

वैक्सीन से जुड़े सवालों पर वैज्ञानिक भी खामोश

दूसरी ओर दुनिया भर के वैज्ञानिक फिलहाल गंभीर बीमारी को दूर करने वाली टीकों की क्षमता से जुड़े अहम सवालों का जवाब नहीं दे पाए हैं. कोरोना के नए म्‍यूटेशन ने दुनियाभर में लोगों की चिंता बढ़ा दी है. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि पिछले सप्‍ताह घोषित किए गए प्रतिबंधों में इनडोर में भी सार्वजनिक स्‍थानों पर चेहरे को ढंकना और कुछ स्‍थानों में प्रवेश के लिए निगेटिव रिपोर्ट का सर्टिफिकेट रखना शामिल है. ये सुरक्षा उपाय भी बूस्‍टर रोलआउट के बावजूद लोगों को अस्‍पताल में पहुंचने से पूरी तरह नहीं रोक पाएंगे. हालांकि दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले इस वेरिएंट का पता चला और वहां की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक जो मामले सामने आए हैं, उनमें पहले के वेरिएंट की तुलना में लक्षण या असर सामान्य हैं.