अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) के आर्थिक सलाहकार लैरी कुडलो ने कहा है कि टिककॉक अपनी चीनी होल्डिंग कंपनी से नाता तोड़ सकती है और प्रतिबंध से बचने के लिए 100 प्रतिशत अमेरिकी कंपनी बन सकती है. टिककॉक (Tik Tok)पर भारत ने हाल में प्रतिबंध लगाया है. कुडलो ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि मुझे लगता है कि टिकटॉक चीन-संचालित होल्डिंग कंपनी से बाहर निकलेगी और एक स्वतंत्र अमेरिकी कंपनी बनेगी.
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उन्होंने कहा कि अमेरिका ने इस पर प्रतिबंध लगाने के बारे में कोई अंतिम फैसला नहीं किया है, जिसका सुझाव विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने दिया है. राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के निदेशक कुडलो ने कहा, 'बाइटडांस टेक्नोलॉजी कंपनी द्वारा टिकटॉक का विनिवेश इस पर प्रतिबंध लगाने या इसे दूर धकेलने की तुलना में बहुत बेहतर उपाय है.'
उन्होंने कहा कि इसकी सेवाएं अमेरिका में स्थित होंगी और यह सौ प्रतिशत अमेरिकी कंपनी बन जाएगी. अगर यह बिना चीनी संबंध वाली अमेरिकी कंपनी बन जाती है, तो भारत अपने यहां बेहद लोकप्रिय इस लघु वीडियो ऐप पर प्रतिबंध पर पुनर्विचार कर सकता है.
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भारत ने 29 जून को टिकटॉक व 58 अन्य चीनी ऐप को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए प्रतिबंधित कर दिया था. यह प्रतिबंध लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच घातक संघर्ष के बाद लगाया गया.
बीजिंग के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत, सभी चीनी कंपनियों को सरकार द्वारा मांगी गई खुफिया जानकारी प्रदान करनी होती है, जिससे उपयोगकर्ताओं और उनके देशों के लिए जोखिम पैदा होता है. भारत, चीन के बाहर टिकटॉक का सबसे बड़ा बाजार रहा है. भारत में इसके लगभग 20 करोड़ यूजर थे. भारत के बाद अमेरिका है जहां करीब तीन करोड़ यूजर टिकटॉक का इस्तेमाल करते हैं.