Taliban राज में भी हजारों आतंकियों-जिहादियों को मिल रहा आतंकी प्रशिक्षण
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अफगानिस्तान को क्षेत्रीय सुरक्षा के लिहाज से बड़ी चुनौती करार दिया. रूसी राष्ट्रपति ने इसके साथ ही अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी पर भी तीखा हमला बोला.
highlights
- अफगानिस्तान के आतंकी गुटों के प्रश्रय स्थल बतौर उभार से कई एशियाई देश चिंतित
- रूस के राष्ट्रपति समेत ताजिकिस्तान और कई देशों में तालिबान राज पर जाहिर की चिंता
- कजाकिस्तान के अस्ताना में हुआ सीआईसीए शिखर सम्मेलन जिसमें 50 देश हुए शामिल
काबुल:
ताजिकिस्तान (Tajikistan) के राष्ट्रपति एमोमली रहमान ने दावा किया है कि हजारों आतंकवादी (Terrorists) और आत्मघाती हमलावरों को अफगानिस्तान में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. एशिया में परस्पर संवाद और विश्वास बहाली के उपाय (CICA) शिखर सम्मेलन में रहमान ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में आतंकी समूहों की उपस्थिति और उनकी गतिविधियों पर खासी चिंता जाहिर की. खामा प्रेस के मुताबिक एमोमली रहमान की चिंता वैश्विक बिरादरी के कई देशों की चिंता साझा करती है. कोरोना (Corona Epidemic) के चरम काल के बाद खासे अहम माने जा रहे विदेशी नीति नियंताओं के सीआईसीए शिखर सम्मेलन में 11 राष्ट्रों के प्रमुखों समेत 50 प्रतिनिधिमंडल शिरकत की. अजरबेजान, कजाकिस्तान, बेलारूस, ईरान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, फिलिस्तीन, रूस, तुर्किए और उजबेकिस्तान के राष्ट्रपति भी शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए थे.
अफगानिस्तान को बड़ी चिंता बताया रूस ने
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अफगानिस्तान को क्षेत्रीय सुरक्षा के लिहाज से बड़ी चुनौती करार दिया. रूसी राष्ट्रपति ने इसके साथ ही अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी पर भी तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेना की वापसी के ऐलान के बाद ही तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया. उन्होंने कहा कि अमेरिका और नाटो सेना के दो दशकों तक मौजूद रहने के बावजूद अफगानिस्तान अपने दम पर आतंकी चुनौतियों से नहीं निपट सकता. युद्धरत राष्ट्र में आए-दिन आतंकी हमले होते रहते हैं. 5 सितंबर को काबुल में रूसी दूतावास के बाहर आतंकी हमला हुआ था. यही नहीं, व्लादिमीर पुतिन ने अफगानिस्तान में अमेरिका-नाटो की उपस्थिति को एक नाकाम नीति करार दिया. ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने भी अफगानिस्तान में समावेशी और प्रतिनिधि सरकार के गठन के महत्व पर खासा जोर दिया.
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बराबरी और अविभाज्य सुरक्षा पर काम कर रहा रूस
सीआईसीए व्यापार परिषद का संस्थापक देश होने के महत्व को रेखांकित करते हुए व्लादिमीर पुतिन ने कहा रूस बराबरी और अविभाज्य सुरक्षा की एक प्रणाली तैयार करने के लिए अन्य एशियाई देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है. यह प्रणाली अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सार्वभौमिक मान्यता प्राप्त सिद्धांतों पर टिकी होगी. पुतिन का यह आश्वासन वैश्विक समुदाय के सदस्यों के अफगानिस्तान में अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूहों और संगठनों के फिर से उभार की चिंता के बाद आया है. गौरतलब है कि काबुल में अल-कायदा प्रमुख को ड्रोन ऑपरेशन से अमेरिका की सीआईए ने मार गिराया था. उसके बाद से आतंकी समूह फिर से अफगानिस्तान में सक्रिय हो रहे हैं. गौरतलब है कि सीआईसीए के 27 देश सदस्य हैं, जहां पृथ्वी की आधी आबादी रह रही है. एशिया में शांति, सुरक्षा और स्थायित्व के प्रचार-प्रसार के लिए सीआईसीए एक बड़ा क्षेत्रीय अंतरसरकारी मंच है.
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एशिया में शांति और सुरक्षा परस्पर संवाद पर टिकी
संयुक्त राष्ट्र चार्टर के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाते हुए सीआईसीए के सदस्यों ने विश्वास जताया कि एशिया में शांति और सुरक्षा परस्पर संवाद और सहयोग से लाई जा सकती है. सदस्य देशों का मानना है कि एशिया में सुरक्षा एक ऐसा अविभाज्य क्षेत्र बन सके, जहां सभी शांतिपूर्ण तरीके से सह-अस्तित्व में रह सकें. इस तरह की इन दिशों के लोग शांति, स्वतंत्रता और समृद्धि के साथ जीवन जी सकेंगे. गौरतलब है कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मीनाक्षी लेखी कर रही हैं. यह शिखर सम्मेलन कजाकिस्तान के अस्ताना में संपन्न हुआ.
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