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डोनाल्ड ट्रंप के शरणार्थियों पर अमेरिकी प्रतिबंध से सहमत नहीं हैं ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे

इस नीति की वजह से ब्रिटेन के नागरिकों पर पड़ने वाले प्रभाव का भी हवाला दिया।

Updated on: 29 Jan 2017, 05:05 PM

highlights

  • हम इस नीति से सहमत नहीं हैं, क्यूकि इससे ब्रिटेन के नागरिकों पर भी प्रभाव पड़ेगा: थेरेसा प्रवक्ता
  • सात मुस्लिम देशों के शरणार्थियों पर लगाया अस्थायी प्रतिबंध

नई दिल्ली:

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शरणार्थियों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले से ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे सहमत नहीं हैं। बीबीसी की रिर्पोट के मुताबिक, शरणार्थियों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के ट्रंप के आदेश की आलोचना करने से इंकार करने पर थेरेसा की निंदा की गई।

इस आदेश के बाद से सात मुस्लिम देशों ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन शरणार्थियों के प्रवेश पर अस्थायी प्रतिबंध और सीरियाई शरणार्थियों के प्रवेश पर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध लग गया है।

थेरेसा के प्रवक्ता ने कहा कि लेकिन हम इस प्रकार की नीति से सहमत नहीं हैं। उन्होंने इस नीति की वजह से ब्रिटेन के नागरिकों पर पड़ने वाले प्रभाव का भी हवाला दिया।

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वहीं इससे पहले तुर्की में एक सम्मेलन में थेरेसा ने कहा था कि अमेरिका को अपनी नीतियों पर फैसला लेने का अधिकार है। इस प्रतिबंध पर थेरेसा के खुलकर निंदा करने से इंकार करने पर कंजर्वेटिव सांसदों समेत कई राजनेताओं ने उनकी आलोचना की थी।

दक्षिणी कैम्ब्रिजशायर के कंजर्वेटिव सांसद हीदी एलन ने ट्वीट किया, 'मजबूत नेतृत्व का अर्थ किसी ताकतवर के बारे में निडर होकर यह कहना है कि वह गलत है।' वहीं, लेबर पार्टी के जेरेमी कार्बिन ने कहा कि प्रधानमंत्री के इस रवैए से ब्रिटिश मूल्यों के लिए खड़े होने में उनकी नाकामी और कमजोरी जाहिर होती है।

उल्लेखनीय कि अमरीकी राष्ट्रपति ने कुछ मुस्लिम बहुल वाले देशों से अमरीका में आने वाले शरणार्थियों और अप्रवासियों की संख्या सीमित करने संबंधी एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे।

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इस आदेश के तहत आतंकवादी हमलों से बचने का हवाला देते हुए सीरिया और छह अन्य मुस्लिम बहुल देशों से आ रहे शरणार्थियों को देश में प्रवेश करने पर चार माह तक के लिए अस्थायी रोक लगा दी गई है।

आईएएनएस इनपुट