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चीन में बिजनेस ड्रिंकिंग को लेकर मचा है बवाल, जानें ड्रैगन की सदियों पुरानी परंपरा के बारे में

अलीबाबा कंपनी में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि कारोबार से जुड़ी शराब परंपरा में वो शामिल हुई. शराब पीने की वजह से वो बेहोश हो गई. इस दौरान उनके साथ रेप किया गया.

Updated on: 04 Oct 2021, 10:53 AM

नई दिल्ली :

चीन (China) में बिजनेस ड्रिंक (business drink)  को लेकर बहस छिड़ गई है. कॉरपोरेट दुर्व्यवहार को लेकर चीन की जनता में गुस्सा भड़क रहा है. उनकी मांग है कि दफ्तर में शराब पीने की परंपरा को हमेशा के लिए छोड़ दिया जाएं. दरअसल, चीन की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार अलीबाबा में एक कर्मचारी के साथ रेप का आरोप लगा है. अलीबाबा कंपनी में काम करने वाले एक सीनियर मैनेजर पर रेप का आरोप लगा है. जिसके बाद कारोबार से जुड़ी शराब पीने की परंपरा पर सवाल उठने लगे हैं. 

अलीबाबा कंपनी में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि कारोबार से जुड़ी शराब परंपरा में वो शामिल हुई. शराब पीने की वजह से वो बेहोश हो गई. इस दौरान उनके साथ रेप किया गया. महिला कर्मचारी ने 11 पेज में अपने दर्द को बयां किया है. चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर यह पत्र वायरल हो रहा है. लोग शराब पीने की सदियों पुरानी परंपरा के खिलाफ आवाज उठाने लगे हैं.

कारोबारी एतबार में शराब पीने की परंपरा

दरअसल, चीन में कारोबारी एतबार में संबंध मजबूत बनाने के लिए कर्मचारी और क्लाइंट के बीच शराब पीने की परंपरा है. इसमें शानदार डिनर का भी आयोजन किया जाता है. युवा कर्मचारी वरिष्ठ सहकर्मियों को सम्मान देने के लिए पेग लगाते हैं. इसी तरह कारोबारी भी अपने क्लाएंट को प्रभावित करने के लिए ऐसा ही करते हैं.

महिलाओं को उत्पीड़न का होना पड़ता है शिकार

इस परंपरा में महिला कर्मचारियों को भी शामिल होना पड़ता है. कई महिलाओं ने कहा कि इसमें उन्हें जबरन शामिल कराया जाता है. इस महफिल में गंदे-गंदे चुटकुले भी लोग सुनाते हैं. लेकिन नौकरी में बंधे होने की वजह से हम सिर्फ मुस्कुरा के रह जाते हैं. इतना ही नहीं कई बार सीनियर मैनेजर जूनियर कर्मचारी को अपने हिस्से का भी पैग लगाने को कहते हैं. जिसकी वजह से जूनियर नशे में धुत्त हो जाते हैं.चीन में वरिष्ठता की एक संस्कृति है इसकी वजह से बॉस को ना कहना बहुत मुश्किल होता है. इस वजह से कर्मचारी मना नहीं कर पाते हैं. कर्मचारी को यह भी डर होता है कि अगर मना करेंगे तो वो करियर में आगे नहीं बढ़ पाएंगे. कार्यस्थल पर उन्हें किनारे कर दिया जाएगा.

इस परंपरा पर रोक लगाने की मांग

हालांकि कि 2016 में सरकारी अधिकारियों ने प्रशासनिक सेवा में इस तरह के कार्यक्रमों पर रोक लगा दी थी. अधिकारिक ड्यूटी के दौरान शराब पीने को प्रतिबंधित कर दिया था. लेकिन निजी कंपनियों ने ये परंपरा जारी रखा है. 

इस परंपरा को लेकर लोगों को गुस्सा भड़का हुआ है. विशेषज्ञों का कहना है कि जबरदस्ती शराब पिलाने की ये परंपरा जल्द खत्म हो जाएगी. 

अशोभनीय संस्कृति समाप्त होनी चाहिए

हालिया घटनाओं को लेकर जो ग़ुस्सा भड़का है उसे देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि ज़बरदस्ती शराब पिलाने की ये परंपरा जल्द ख़त्म हो जाएगी. वहीं, चीन में भ्रष्टाचार पर नज़र रखने वाली संस्था ने बयान जारी करके कहा कि ये अशोभनीय संस्कृति समाप्त होनी चाहिए.