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दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर लाहौर का बुरा हाल, दमघोंटू हवा में सांस लेना मुश्किल

बढ़ते प्रदूषण की वजह से लाहौर के लोग भी परेशान हैं. मजदूर मुहम्मद सईद ने बताया, "बच्चे सांस की बीमारियों का सामना कर रहे हैं...खुदा के लिए, इसका जल्द से जल्द समाधान निकालें. "हाल के वर्षों में पाकिस्तान में वायु प्रदूषण खराब हो चुका है.

Updated on: 18 Nov 2021, 08:54 AM

highlights

  • लाहौर के लोगों ने जल्द ही समाधान निकालने की गुहार लगाई 
  • लाहौर में वायु गुणवत्ता रैंकिंग खतरनाक स्तर से काफी ऊपर पहुंची
  • ठंड के मौसम आते ही जहरीली धुएं से स्थिति पूरी तरह बिगड़ी

लाहौर:

दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर पाकिस्तान के लाहौर में इन दिनों लोगों का बुरा हाल हो गया है. यहां के लोगों ने जहरीली गैस से जल्द से जल्द छुटकारा दिलाने की गुहार लगाई है. लाहौर के लोगों का कहना है कि यहां जल्द ही समाधान निकालने की जरूरत है नहीं तो कई लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है. एयरविजुअल मॉनिटरिंग प्लेटफॉर्म का संचालन करने वाली स्विस प्रौद्योगिकी कंपनी आईक्यूएयर के अनुसार, लाहौर में बुधवार को वायु गुणवत्ता रैंकिंग 348 थी, जो 300 के खतरनाक स्तर से काफी ऊपर पहुंच चुकी है. लाहौर को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर घोषित किया गया है. यहां की वायु गुणवत्ता सबसे सबसे खराब दर्ज की गई.

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बढ़ते प्रदूषण की वजह से लाहौर के लोग भी परेशान हैं. मजदूर मुहम्मद सईद ने बताया, "बच्चे सांस की बीमारियों का सामना कर रहे हैं...खुदा के लिए, इसका जल्द से जल्द समाधान निकालें. "हाल के वर्षों में पाकिस्तान में वायु प्रदूषण खराब हो चुका है, क्योंकि निम्न-श्रेणी के डीजल धुएं, मौसमी फसल का धुआं जलने की वजह से प्रदूषण का बुरा हाल हो चुका है. ठंड के मौसम आते ही जहरीली धुएं बादलों में जमा हो जाते हैं. लाहौर वायु प्रदूषण के लिए लगातार दुनिया के सबसे खराब शहरों में शुमार हो चुका है. हाल के वर्षों में यहां के अधिकांश लोगों ने खुद के एयर प्यूरीफायर लगाकर जहरीली गैस से बचने की कोशिश की है. वहीं प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए सरकारी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा भी चलाया गया है. हालांकि अब तक अधिकारियों ने कार्रवाई करने में धीमी गति से काम किया है.

प्रदूषण को नियंत्रित करने की गुहार लगाई

दुकानदार इकराम अहमद ने कहा, "हम गरीब लोग हैं, डॉक्टर का खर्चा भी नहीं उठा सकते. " “हम उनसे केवल प्रदूषण को नियंत्रित करने की गुहार लगा सकते हैं. मैं एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति नहीं हूं, लेकिन मैंने पढ़ा है कि लाहौर की वायु गुणवत्ता सबसे खराब है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम मर जाएंगे.  मजदूर सईद ने कहा: "पहले मैं यहां अपने बच्चों के साथ घूमने के लिए  आता था, लेकिन अब मैं उन्हें अपने साथ बाहर नहीं लाता. यहां कारखाने और छोटे उद्योग चल रहे हैं. सईद ने कहा कि सरकार या तो उन्हें मुआवजा दें या फिर इन उद्योगों को कहीं और स्थानांतरित कर दें या उन्हें आधुनिक तकनीक प्रदान करें ताकि हम इस धुंध से छुटकारा पा सकें.