मालदीव में आपातकाल की अवधि 30 दिनों तक बढ़ा दी गई है। इससे पहले 5 परवरी को राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामिन द्वारा देश में 15 दिन के लिए आपातकाल लगाया था जो आज खत्म होने वाला था पर सरकार ने इसे बढ़ा दिया।
मालदीव इंडिपेंडेंट की खबर के मुताबिक, संविधान के तहत मतदान के वक्त 43 सांसदों की जरूरत के बावजूद केवल 38 सांसद ही सदन में मौजूद थे। सभी 38 सांसद सत्तारूढ़ दल के थे।
विपक्ष ने मतदान का बहिष्कार किया, ताकि मतदान न हो सके, लेकिन किसी तरीके से आपातकाल में विस्तार कर दिया गया। देश में आपातकाल अब 22 मार्च को समाप्त होगा।
राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन अब्दुल गय्यूम के आपातकाल को बढ़ाने के आग्रह को स्वीकार कर लिया है।
आपको बता दे कि मालदीव में एक फरवरी से ही राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है। 5 फरवरी को मालदीप में राष्ट्रपति यामन अब्दुल्ला ने उस वक्त देश में अपातकाल लगा दी थी जब न्यायपालिका ने पूर्व राष्ट्रपति नशीद समेत 9 राजनीतिक बंदियों को रिहा करने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला यामीन की पार्टी से बगावत करने वाले 12 सांसदों को भी बहाल करने का आदेश दिया। इन 12 सांसदों की सदस्यता बहाल होने के बाद यामीन सरकार अल्पमत में आ जाती और नशीद की पार्टी की अगुआई वाला संयुक्त विपक्ष बहुमत में आ जाता।
लेकिन अब्दुल्ला यामीन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानने से इनकार कर दिया और सेना को स्पष्ट आदेश दिया कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की नाफरमानी करे और फिर देश में अपातकाल लगा दी।
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मालदीप में हो रहे राजनीतिक उठापटक पर भारत और चीन भी पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं। भारत के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा था कि मालदीप सरकार को देश में लगे आपातकाल को खत्म कर के न्यायपालिका सहित अन्य लोकतांत्रिक संस्थानों को स्वतंत्र रूप से और संविधान के अनुसार निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
वहीं चीन इसे मालदीप का आंतरिक मामला बताते हुए भारत से इस मसले पर दूरी बनाए रखने को कह रहा है।
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Source : News Nation Bureau
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