चांद से नहीं, भारत में पाकिस्तान से आते हैं आतंकवादी, जानें किसने कही ये बात

संयुक्त राष्ट्र (UN) के बाद पोलैंड स्थित यूरोपीय रूढ़िवादी और सुधारवादी समूह (European Conservatives and Reformists Group) से भी पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है.

author-image
Deepak Pandey
एडिट
New Update
चांद से नहीं, भारत में पाकिस्तान से आते हैं आतंकवादी, जानें किसने कही ये बात

यूरोपीय रूढ़िवादी और सुधारवादी समूह के सदस्य Ryszard Czarnecki (ANI)

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से आर्टिकल 370 (Article-370) हटने और राज्य को केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद पाकिस्तान ने भारत को घेरने की काफी कोशिश की, लेकिन हर जगह उसे निराशा ही हाथ लगी. संयुक्त राष्ट्र (UN) के बाद पोलैंड स्थित यूरोपीय रूढ़िवादी और सुधारवादी समूह (European Conservatives and Reformists Group) से भी पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है. यूरोपीय संसद ने आतंकवाद और कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को नसीहत दी है. 

Advertisment

यह भी पढ़ेंःभारत के लिए चीन ने भी पाकिस्तान से पल्ला झाड़ा, अब क्या करेंगे PAK के PM इमरान खान

यूरोपीय संसद ने भी पाकिस्तान की सच्चाई खोल कर रख दी है. पोलैंड के नेता और EU सांसद रिजार्ड जार्नेकी ने संसद में चर्चा के दौरान कहा कि भारत दुनिया का सबसे महान लोकतंत्र है. हमें भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य में होने वाली आतंकी घटनाओं पर गौर करने की जरूरत है. उन्होंने साफ कहा कि ये आतंकी चांद से नहीं आते हैं. वे पड़ोसी देश (पाकिस्तान) से ही आ रहे हैं. ऐसे में हमें भारत का समर्थन करना चाहिए. क्योंकि पाकिस्तान में आतंकियों को संरक्षण मिलता है और वे पड़ोसी देश में हमले करते हैं.

वहीं, इटली के नेता और EU सांसद फुलवियो मार्तुसिलो ने कहा, पाकिस्तान परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की धमकी दे रहा है. उन्होंने स्थानीय हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान ही है, जहां आतंकी साजिश रचकर यूरोप में हमलों को अंजाम देते हैं. आखिर में EU संसद ने कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान को बात करनी चाहिए और इस इसका शांतिपूर्ण हल निकालने की कोशिश की जानी चाहिए.

यह भी पढ़ेंःEU संसद से पाकिस्तान को लगा बड़ा झटका, आपसी बातचीत से कश्मीर मसला सुलझाएं 

इससे पहले पाकिस्तान के पीएम इमरान खान (Imran Khan) ने कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में भी उठाया था, लेकिन वहां भी वे नाकाम हो गए. इसके बाद उन्हें मुस्लिम देश से मदद मिलने की उम्मीद थी, लेकिन वह भी उनके खिलाफ हो गए. सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे प्रभावशाली मुस्लिम देशों ने एक ओर पाकिस्तान को भारत के साथ बैकडोर डिप्लॉमसी चैनल ऐक्टिवेट करने की राय दी तो दूसरी ओर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से कहा कि वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए तल्ख भाषा के इस्तेमाल पर लगाम लगाएं.

गौरतलब है कि पाकिस्तान के सबसे अजीज दोस्त चीन ने भी कश्मीर मुद्दे पर पीएम इमरान खान का साथ छोड़ दिया है. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (China President Xi Jinping) अगले महीने एक अनौपचारिक सम्मेलन में मिलने वाले हैं. इस दौरान दोनों देशों के नेताओं के बीच कश्मीर मुद्दे पर बातचीत नहीं होगी. अब तो चीन ने कश्मीर मुद्दे पर भारत का साथ देना शुरू कर दिया है. अब पाकिस्तान को यूरोपीय संघ की संसद से निराशा मिली है. यूरोपीय संघ की संसद ने कहा कि दोनों देश आपस में मिलकर कश्मीर मसले पर बातचीत करें.

यह भी पढ़ेंःअयोध्‍या मामला: सुप्रीम कोर्ट में 18 अक्‍टूबर तक पूरी हो सकती है सुनवाई, CJI ने मध्यस्थता की भी दी अनुमति

यूरोपियन संघ (यूरोपियन यूनियन) मुख्यत: यूरोप में स्थित 28 देशों का एक राजनैतिक एवं आर्थिक मंच है, जिनमें आपस में प्रशासकीय साझेदारी होती है जो संघ के कई या सभी राष्ट्रों पर लागू होती है. यूरोपीय संघ समूह आठ संयुक्त राष्ट्रसंघ एवं विश्व व्यापार संगठन में अपने सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व करता है. यूरोपीय संघ के 21 देश नाटो के भी सदस्य हैं. यूरोपीय संघ के महत्वपूर्ण संस्थानों में यूरोपियन कमीशन, यूरोपीय संसद, यूरोपीय संघ परिषद, यूरोपीय न्यायलय एवं यूरोपियन सेंट्रल बैंक इत्यादि शामिल हैं. यूरोपीय संघ के नागरिक हर पांच वर्ष में अपनी संसदीय व्यवस्था के सदस्यों को चुनती है.

 

INDIA EU Kashmir issue Narendra Modi Poland imran-khan pakistan Itely
      
Advertisment