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अल-कायदा के अमेरिका पर आतंकी हमलों के लिए तालिबान होगा जिम्मेदारः ब्लिंकन

एंटोनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने दो टूक लहजे में चेतावनी दी है कि यदि अफगानिस्तान की जमीन से अल-कायदा (Al Qaeda) अमेरिका के लिए खतरा बनता है, तो इसकी सीधी तौर पर जिम्मेदारी तालिबान की ही होगी.

Updated on: 16 Sep 2021, 01:10 PM

highlights

  • तालिबान के आतंक को पनपने नहीं देने के वादे से इत्तेफार रखता है अमेरिका
  • तालिबान से इसी कारण पूरी तरह से आंख नहीं बंद की है बाइडन प्रशासन ने
  • अफगानिस्तान में आतंकी संगठन अल-कायदा फिर से सिर उठाने की कोशिश में

वॉशिंगटन:

अमेरिकी खुफिया संस्था सीआईए (CIA) ने हाल ही में चेताया है कि अफगानिस्तान (Afghanistan) में अल-कायदा की सक्रियता फिर से देखी गई है. इस आलोक में विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने दो टूक लहजे में चेतावनी दी है कि यदि अफगानिस्तान की जमीन से अल-कायदा (Al Qaeda) अमेरिका के लिए खतरा बनता है, तो इसकी सीधी तौर पर जिम्मेदारी तालिबान की ही होगी. हालांकि इसके साथ ही ब्लिंकन ने यह भी कहा है कि तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए नहीं होने देने का वादा किया है. इसके बावजूद अमेरिकी प्रशासन तालिबान के इस वादे से पूरी तरह से मुतमुईन नहीं है.

सीआईए ने दिए अल-कायदा को लेकर संकेत
एंटोनी ब्लिंकन का यह बयान बीबीसी की एक रिपोर्ट के बाद आया है. बीबीसी ने इस रिपोर्ट में सीआईए के उप-निदेशक डेविड कोहेन के हवाले से लिखा है कि अमेरिका ने अफगानिस्तान में अल-कायदा की गतिविधियां देखी हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि अल-कायदा तेजी से सक्रिय हो रहा है. हालांकि अभी यह शुरुआती संकेत हैं. इसके बावजूद अमेरिका इन गतिविधियों पर नजदीकी से निगाह रखे हुए है. इस रिपोर्ट के आधार पर ब्लिंकन ने कहा है कि आईएसआईएस-के और अल-कायदा के अफगानिस्तान में सक्रियता को देखते हुए अमेरिका जरूरत पड़ने पर किसी भी आतंकी खतरे का खात्मा करने के लिए तैयार है. 

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अमेरिका के खिलाफ ताकतें करेंगी अल-कायदा की मदद
एक राजनीतिक विश्लेषक नूरउल्लाह वलीजादा भी मानते हैं कि कुछ क्षेत्रीय खुफिया संस्थाओं और अमेरिका के शत्रु देशों की मदद से अल-कायदा अफगानिस्तान में फिर से खड़ा हो अपनी सक्रियता बढ़ा सकता है. यह परिस्थितियां अमेरिका के लिए गंभीर खतरे का वाहक होंगी. इसी तर्ज पर अंतरराष्ट्रीय मामलों के विश्लेषक हामिद ओबैदी भी मानते हैं कि अमेरिका स्वीकार कर चुका है कि उसकी नीतियां अफगानिस्तान में बुरी तरह से नाकाम रही हैं. ऐसे में अल-कायदा को उसके खिलाफ आतंक फैलाने का एक मौका मिल सकता है. गौरतलब है कि अमेरिका पर आतंकी हमले के बाद अमेरिका और नाटो सेना ने 2001 में अफगानिस्तान से अल-कायदा और तालिबान राज को खत्म कर दिया था.