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अफगानिस्तान के लोगों को सुरक्षित निकलने दे तालिबान: जी-7

अफगानिस्तान के लोगों को सुरक्षित निकलने दे तालिबान: जी—7

Updated on: 25 Aug 2021, 12:11 AM

नई दिल्ली:

अफगानिस्तान के ताजा हालातों पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की ओर से बुलाई गई जी-7 की बैठक ( G7 summit ) में संकट में फंसे लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की गई है. बैठक में जी-7 नेताओं ने कहा कि तालिबान अफगानिस्तान के लोगों को सुरक्षित निकले दे. बैठक में यह भी कहा गया कि इस समय जी-7 की प्राथमिका लोगों को वहां से सुरक्षित निकालना है. जी-7 देशों ने संयुक्त बयान में कहा कि तालिबान 31 अगस्त के बाद भी लोगों को सुरक्षित निकलने दे.

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आपको बता दें कि तालिबान ने अमेरिका को एक और फरमान सुना दिया है. तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों से 31 अगस्त से पहले अफगानिस्तान से जाने का निर्देश दिया है. तालिबाान ने कहा है कि अमेरिकी सेना को 31 अगस्त के बाद यहां रुकने की कोई गुंजाइश नहीं है. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, हम अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी की समय सीमा नहीं बढ़ाएंगे. वे 31 अगस्त तक अपने नागरिकों और सैनिकों को निकालने में सक्षम हैं. वहीं तालिबान ने साफ शब्दों में कहा है कि अमेरिका पेशेवर अफगानों को यहां से निकालने की जुर्रत ना करें. समाचार एजेंसी एएफपी ने तालिबान समूह के प्रवक्ता के हवाले से मंगलवार को यह जानकारी दी.

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इससे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन जी-7 की वर्चुअल बैठक में दुनिया के नेताओं से अफगानिस्तान में तालिबान से भागकर आए शरणार्थियों के लिए समर्थन बढ़ाने का आग्रह करेंगे. जॉनसन ने मंगलवार दोपहर जी-7 नेताओं की बैठक की अध्यक्षता की. बैठक से पहले, जॉनसन ने कहा था कि पहली प्राथमिकता हमारे नागरिकों और उन अफगानों की निकासी को पूरा करना होना चाहिए जिन्होंने पिछले 20 वर्षों में हमारे प्रयासों में सहायता की है. उन्होंने कहा, "जैसा कि हम अगले चरण के लिए तत्पर हैं, यह महत्वपूर्ण है कि हम एक अंतरराष्ट्रीय समुदाय के रूप में एक साथ आए और लंबी अवधि के लिए एक संयुक्त ²ष्टिकोण पर सहमत हों"

ब्रिटिश प्रधानमंत्री अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से युद्धग्रस्त देश से सैनिकों की वापसी के लिए 31 अगस्त की समय सीमा बढ़ाने के लिए भी कहेंगे. हालांकि, पेंटागन के एक प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि अमेरिका का ध्यान महीने के अंत तक इसे पूरा करने पर है. इस बीच, तालिबान ने कहा है कि कोई भी विस्तार एक सहमत समझौते का स्पष्ट उल्लंघन होगा. संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद भी मंगलवार को अफगानिस्तान पर अपना आपातकालीन सत्र आयोजित करेगी.