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तालिबानी जुल्म की तस्वीर आई सामने, सच दिखाने पर पत्रकारों की बेरहमी से पिटाई

अफगानिस्तान को कवर करने वाले द न्यूयॉर्क टाइम्स के रिपोर्टर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इस तस्वीर को शेयर किया है. इस तस्वीर में तालिबान की क्रूरता की कहानी बयां हो रही है.

Updated on: 09 Sep 2021, 11:32 AM

highlights

  • अफगानिस्तान में पत्रकारों पर जुल्म
  • प्रदर्शन कवर करने वाले पत्रकारों को किया गया गिरफ्तार
  • पत्रकारों की बेरहमी से तालिबानी कर रहे पिटाई 

नई दिल्ली :

अफगानिस्तान में तालिबान का क्रूर चेहरा लगातार दिख रहा है. प्रदर्शनकारियों के लिए जहां फरमान जारी किए जा रहे हैं, वहीं पत्रकारों को सच दिखाने के लिए सजा दी जा रही है. तालिबान ने कई पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया है. इतना ही नहीं कई को हिरासत में लेकर बुरी तरह पीटा भी जा रहा है. तालिबान द्वारा दो पत्रकारों की पिटाई की तस्वीर सामने आई है. जिसने दुनिया को झकझोर कर रख दिया है.  अफगानिस्तान को कवर करने वाले द न्यूयॉर्क टाइम्स के रिपोर्टर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इस तस्वीर को शेयर किया है. इस तस्वीर में तालिबान की क्रूरता की कहानी बयां हो रही है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कल काबुल में दो पत्रकारों को प्रताड़ित किया गया और बुरी तरह से पीटा गया है. 

वहीं लॉस एंजलिस के पत्रकार मरकस याम ने ट्वीट कर दावा किया कि तालिबानी जुल्म के शिकार ये दोनों अफगानी पत्रकार इटिलाट्रोज के रिपोर्टर हैं, जिनका नाम है नेमत नकदी और ताकी दरयाबी. इन्हें महिलाओं के प्रदर्शन को कवर करने के दौरान हिरासत में लिया गया था. इन्हें तालिबानी हुकूमत द्वारा बुरी तरह पीटा गया. 

इन्होंने अपने ट्वीट में एक हैशटैग का भी इस्तेमाल किया है- जर्नलिज्म इज नॉट अ क्राइम. इस तस्वीर में आप देख सकते हैं कि पत्रकारों के पीठ पर कितने गहरे जख्म बने हैं. इन्हें देखकर रूह कांप जा रही है. तालिबान की हैवानियत की बानगी ये तस्वीर है. 

बता दें कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में मंगलवार को रैली को तितर-बितर करने के लिए तालिबान लड़ाकों ने गोलीबारी की और प्रदर्शन को कवर कर रहे कई अफगान पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया था.

दरअसल, पाकिस्तान तालिबान की मदद कर रहा है. पंजशीर में पाकिस्तान ने तालिबान लड़ाकों की मदद की. जिसका विरोध किया जा रहा है. काबुल स्थित पाकिस्तानी दूतावास के सामने अफगानिस्तान के आंतरिक मामले में पाकिस्तान के हस्तक्षेप के खिलाफ प्रदर्शन हुआ. प्रदर्शनकारियों को कवर करनेवाले पत्रकारों को तालिबान गिरफ्तार कर यातनाएं दे रहा है.

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इधर जिन पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है उनकी रिहाई की मांग हो रही है. एक पत्रकार ने मीडिया से बताया कि तालिबान ने उन्हें सजा दी. मुझे जमीन पर नाक रगड़ने और प्रदर्शन को कवर करने के लिए माफी मांगने पर मजबूर किया.

बता दें कि तालिबान सरकार बनने के बाद प्रदर्शन करने वालों पर भी रोक लगा दी गई है. विरोध-प्रदर्शन करने से 24 घंटे पहले संबंधित मंत्रालय को इसकी जानकारी देने को कहा गया है.