तालिबान ने की भारत से शांति की बात, कहा- शांतिपूर्ण सहअस्तित्व सभी के हित में
भारत भी हमारा क्षेत्रीय देश है. कोई भी देश अपने पड़ोसी या अपने क्षेत्र को नहीं बदल सकता है.
highlights
- तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने बताया पड़ोसी
- शांतिपूर्ण सहअस्तित्व को बताया सभी के हित में
- अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी से संशय
काबुल:
अफगानिस्तान से हटती अमेरिकी सेना के बीच तालिबान (Taliban) की ओर से भारत के लिए एक सकारात्मक बयान आया है. दरअसल अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं की वापसी की समयसीमा और तालिबान के समर्थन में बनती स्थिति के बीच भारत (India) की काबुल के लिए नीति को लेकर संदेह और अनिश्चितता का माहौल बन गया है. इस पर तालिबान ने कहा है कि वे अपने पड़ोसी देश भारत और क्षेत्र के अन्य देशों के साथ शांतिपूर्ण तरीके से रहने में विश्वास करते हैं. तालिबान ने यह भी कहा कि कोई भी देश अपने पड़ोसी को नहीं बदल सकता है.
शांतिपूर्ण सहअस्तित्व सभी के हित में
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने भारत और कश्मीर को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में ये बातें कहीं. सुहैल शाहीन ने कहा, 'पाकिस्तान हमारा पड़ोसी देश है. दोनों देशों के साझा इतिहास और मूल्य हैं. भारत भी हमारा क्षेत्रीय देश है. कोई भी देश अपने पड़ोसी या अपने क्षेत्र को नहीं बदल सकता है. हमें निश्चित रूप से इस वास्तविकता को स्वीकार करना होगा और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के साथ रहना होगा. यह हम सभी के हित में है.'
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तालिबान राष्ट्रवादी इस्लामिक ताकत
सुहैल ने तालिबान को एक 'राष्ट्रवादी इस्लामिक ताकत' करार दिया, जिसका लक्ष्य 'अफगानिस्तान की सरजमीं को विदेशी कब्जे से मुक्त कराना और वहां पर एक इस्लामिक सरकार की स्थापना करना है.' इससे पहले ऐसी खबरें आई थीं कि भारतीय अधिकारियों ने तालिबान के कुछ धड़े से संपर्क स्थापित किया है. इसमें मुल्ला बरादर भी शामिल है. भारत को पहले अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया था.
भारत ने अफगानिस्तान में निवेश किए 3 अरब डॉलर
पाकिस्तान ने शांति की स्थापना में मध्यस्थ की भूमिका निभाई और अगले चरण में तालिबान और अफगानिस्तान सरकार के प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए एक साथ लाया गया. पिछले दो दशक में भारत ने अफगानिस्तान को 3 अरब डॉलर की विकास सहायता दी है. इससे अब भारत का असर अफगानिस्तान में काफी बढ़ गया है. इससे पाकिस्तान काफी चिढ़ गया है. हालांकि अब भारत की भविष्य की भूमिका अनिश्चितता से घिर गई है. वह भी तब जब अगर तालिबान अफगानिस्तान में ताकतवर शक्ति के रूप में उभरता है.
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भारत ने जताया संदेह
नई वास्तविकता के बीच भारत के तालिबान के साथ संपर्क की एक तरह से पुष्टि करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत अफगानिस्तान के सभी पक्षों के साथ संपर्क में है. उधर, शाहीन ने कहा कि वह इन रिपोर्ट्स पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे क्योंकि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, 'भारत ने कहा है कि तालिबान हिंसा को भड़का रहा है, यह जमीनी वास्तविकता से बिल्कुल अलग है. यह अफगानिस्तान के मुद्दे पर उनकी विश्वसनीयता को कम करता है.'
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