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इमरान सरकार कर रही थी दोस्त...दोस्त, तालिबान ने दिखा दी आंखें

तालिबान बलों ने पाकिस्तानी सेना को 19 दिसंबर को पूर्वी प्रांत नंगरहार के साथ एक अवैध सीमा बाड़ लगाने से रोक दिया.

Updated on: 23 Dec 2021, 12:34 PM

highlights

  • तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच तनावपूर्ण हालात
  • अफगानिस्तान सीमा की बाड़बंदी से रोका तालिबान ने

इस्लामाबाद:

अगस्त में अफगानिस्तान में तालिबान शासन आने के बाद ही पाकिस्तान ने उसकी शान में कसीदे पढ़ने शुरू कर दिए थे. इस फेर में वह यह भी भूल गया कि उसके घर में पल रहा टीटीपी आतंकी संगठन भी वास्तव में तालिबान के लड़ाकों का ही समूह है. इस सच्चाई के उलट इमरान सरकार यह उम्मीद रखने लगी कि तालिबान टीटीपी लड़ाकों को कानून-व्यवस्था भंग करने से रोकेगा. यह अलग बात है कि पाकिस्तान की स्थिति आसमान से गिरे खजूर में अटके जैसी हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अफगानिस्तान में तालिबान सैनिकों ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर पाकिस्तानी सेना को सुरक्षा बाड़ लगाने से रोका है. पाकिस्तान ने काबुल के विरोध के बावजूद 2600 किलोमीटर की सीमा के अधिकांश हिस्से पर बाड़ लगा दी है, जिसने ब्रिटिश काल के बॉर्डर को चुनौती दी है.

तार तक उठा ले गए तालिबानी लड़ाके
अफगान रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्ला ख्वारज़मी ने कहा है कि तालिबान बलों ने पाकिस्तानी सेना को 19 दिसंबर को पूर्वी प्रांत नंगरहार के साथ एक अवैध सीमा बाड़ लगाने से रोक दिया. उन्होंने कहा है कि अब सब कुछ सामान्य है. सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे एक वीडियो में दिखाया गया है कि तालिबान सैनिकों ने कंटीले तारों के स्पूल जब्त किए हैं. एक सीनियर अधिकारी ने सुरक्षा चौकियों पर तैनात पाकिस्तानी सैनिकों से सीमा पर फिर से बाड़ लगाने की कोशिश नहीं करने को कहा है. पाकिस्तान अफगानिस्तान बॉर्डर पर यह घटना तब हुई है जब दुनिया के मुस्लिम देशों के प्रतिनिधि अफगानिस्तान में जारी मानवीय आपदा पर चर्चा करने के लिए इस्लामिक सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन के लिए इस्लामाबाद में जमा हुए थे.

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पाकिस्तानी सेना ने दागे मोर्टार
तालिबान के प्रवक्ता बिलाल करीमी ने कहा कि वे घटना की जांच कर रहे हैं. तालिबान के दो अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि स्थिति तनावपूर्ण थी. उन्होंने कहा कि घटना के बाद 22 दिसंबर को पाकिस्तानी क्षेत्र से सीमा पार से अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में मोर्टार दागे गए. यह साफ नहीं है कि क्या दोनों घटनाएं जुड़ी हुई हैं. अधिकारियों ने कहा कि अफगान सैन्य हेलीकॉप्टरों को इलाके में गश्त करते देखा जा सकता है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच जारी गतिरोध बताता है कि यह मुद्दा तालिबान के लिए एक विवादास्पद मामला बना हुआ है, बावजूद इसके इस्लामाबाद के साथ घनिष्ठ संबंध हैं.