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तालिबान ने किया साफ, धार्मिक स्कॉलर अफगानिस्तान में सरकार का करेंगे नेतृत्व

काबुल में एक सभा में, तालिबान ने कहा कि उनका 20 साल का संघर्ष व्यर्थ नहीं जाना चाहिए. यहां धार्मिक विद्वानों को नेतृत्व करना चाहिए और अफगानिस्तान में आगामी सरकार का मूल होना चाहिए.

Updated on: 25 Aug 2021, 02:17 PM

highlights

  • अफगानिस्तान में तालिबानी राज
  • धार्मिक स्कॉलर करेंगे सरकार का नेतृत्व

नई दिल्ली :

तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान को अपने कब्जे में ले लिया है. यहां के राष्ट्रपति अशरफ गनी और उप राष्ट्रपति अमीरुल्ला सालेह देश छोड़कर फरार हो गए हैं. तालिबान राज में कौन सत्ता की कुर्सी पर बैठेगा. इसे लेकर सवाल उठने लगे हैं. इस बीच तालिबान के प्रवक्ता ने साफ कर दिया है कि सरकार किसके नेतृत्व में आगे बढ़ेगी. तालिबान ने कहा है कि धार्मिक स्कॉलर अफगानिस्तान में सरकार का नेतृत्व करेंगे. काबुल में एक सभा में, तालिबान ने कहा कि उनका 20 साल का संघर्ष व्यर्थ नहीं जाना चाहिए. यहां धार्मिक विद्वानों को नेतृत्व करना चाहिए और अफगानिस्तान में आगामी सरकार का मूल होना चाहिए.

अफगानिस्तान के खामा प्रेस ने सोमवार को कहा कि आतंकवादी समूह ने एक मजबूत राजनीतिक व्यवस्था बनाने और लोगों को भविष्य की सरकार का समर्थन करने के लिए आमंत्रित करने के लिए एक भव्य सभा में दसियों धार्मिक विद्वानों को आमंत्रित किया था.  तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि वे एक समावेशी सरकार बना रहे हैं जिसमें सभी लोगों के अधिकार सुरक्षित रहेंगे.

मतभेद के बावजूद अफगानिस्तान के विकास के लिए लोगों को साथ आना चाहिए

उन्होंने आगे कहा कि पक्षपातपूर्ण, भाषाई और सांप्रदायिक मूल्यों के बावजूद, लोगों को एक साथ आना चाहिए और अफगानिस्तान के विकास के लिए काम करना चाहिए.  तालिबान सरकार बनाने के प्रयास में अंतर-अफगान नेताओं के साथ बातचीत कर रहा है. मुजाहिद ने इन आरोपों से इनकार किया है कि तालिबान दूसरे देशों में हथियारों और सैन्य वाहनों की तस्करी कर रहा है.

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अफगान छोड़ विदेश भागना चाहते हैं लोग

15 अगस्त को राष्ट्रपति अशरफ गनी के अफगानिस्तान की राजधानी से भाग जाने के तुरंत बाद आतंकवादी समूह काबुल में राष्ट्रपति भवन में घुस गया. तालिबान ने युद्ध की समाप्ति की घोषणा की और सभी को सामान्य माफी दी.  हालांकि, काबुल में भारी अराजकता देखी जा रही है क्योंकि देश से भागने के लिए बड़ी संख्या में लोग हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का रुख कर रहे हैं.

वहीं तालिबान ने एयरपोर्ट जाने वाले रास्तों को बंद कर दिया है. उसने कहा है कि अब किसी भी अफगानी को देश नहीं छोड़ने दिया जाएगा. सिर्फ विदेशी नागरिक अपने वतन लौट सकते हैं.