अफगानिस्तान में झुका तालिबान, गुरुद्वारे पर लगाया निशान साहिब
तालिबान के कुछ अफसर और लड़ाके गुरुद्वारे पहुंचे थे. उन्होंने तुरंत निशान साहिब को वापस रखने का आदेश दिया.
highlights
- पवित्र के थाल साहिब की छत पर धार्मिक झंडा निशान साहिब वापस लगाया
- भारत सरकार समेत अंतरराष्ट्रीय सिख बिरादरी ने जताया था भारी विरोध
- अमेरिकी सैनिकों की वापसी के साथ तेजी से पैर पसार रहा है तालिबान
काबुल:
दुनियाभर में विरोध और अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे झुकते हुए तालिबान (Taliban) ने पकतिया प्रांत में पवित्र गुरुद्वारे थाल साहिब की छत पर लगा सिखों (Sikhs) का धार्मिक झंडा निशान साहिब लगा दिया है. पकतिया स्थित यह गुरुद्वारा सिखों में काफी अहम स्थान रखता है. इसकी महत्ता का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि श्री गुरु नानक देव भी यहां आ चुके हैं. इससे पहले तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने दावा किया था कि उन्होंने निशान साहिब को नहीं हटाया है. इस घटना की तस्वीरें वायरल होने के बाद तालिबान की पोल खुल गई थी. मोदी सरकार (Modi Government) ने भी इस घटना पर तीखा विरोध दर्ज कराया था.
तालिबान लड़ाके दबाव के बाद झुके
भारतीय विश्व फोरम के चेयरमैन पुनीत सिंह चंडोक ने यह जानकारी दी. चंडोक ने बताया कि उन्हें हाल ही में गुरुद्वारे के स्थानीय केयर टेकर ने जानकारी दी कि गुरुद्वारे की छत पर निशान साहिब को पूरे सम्मान के साथ वापस रख दिया गया है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार शाम को तालिबान के कुछ अफसर और लड़ाके गुरुद्वारे पहुंचे थे. उन्होंने तुरंत निशान साहिब को वापस रखने का आदेश दिया.
यह भी पढ़ेंः कोरोना से लड़ाई में भारत को मिला एक और हथियार, इस वैक्सीन की सिंगल डोज करेगी कमाल
अफगानिस्तान में जंग जैसे हालात
अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से ही तालिबान अपने पैर पसारता जा रहा है. अफगानिस्तान के कई शहरों में लगातार हिंसा देखने को मिल रही है. तालिबान व अफगान सुरक्षा बलों के बीच खूनी जंग जारी है. वहीं भारत ने युद्ध के हालतों को लेकर अफगानिस्तान की नाजुक स्थिति पर चिंता व्यक्त की है. गौरतलब है कि तालिबान पर इस्लामिक कट्टरपंथ की लाइन पर चलते हुए दूसरे धर्मों के अपमान के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन संगठन ने हाल में खुद के बदलने का दावा किया है.
यह भी पढ़ेंः जम्मू कश्मीर के मंडी थाना इलाके में आतंकी मुठभेड़, दो आतंकी ढेर
इलाके में रहा है आतंक
अफगानिस्तान के युद्धग्रस्त इलाकों में दशकों से अल्पसंख्यक अफगान सिखों और हिंदुओं के ऊपर अत्याचार जारी है. खासकर पकतिया का इलाका 1980 के दशक से मुजाहिदीन और तालिबान/हक्कानी समूह का गढ़ हुआ करता था. तालिबान का आतंक यहां इस कदर था कि अफगानिस्तान की सरकार का यहां कोई दखल नहीं था. पिछले साल ही यहां से निदान सिंह सचदेव का अपहरण कर लिया गया था. वह सावन के महीने से पहले सेवा के लिए गुरुद्वारे पहुंचे थे. बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Mishri Ke Upay: चमत्कारी है धागे वाली मिश्री का ये उपाय, बरसने लगेगी देवी लक्ष्मी की कृपा
-
Remove Negative Energy: नकारात्मक ऊर्जा से हैं परेशान, पानी में ये डालकर करें स्नान
-
Shani Jayanti 2024: शनि जयंती के दिन इस तरह करें शनिदेव की पूजा, आर्थिक संकट होगा दूर
-
Mulank 7 Numerology 2024: मई में इस मूलांक के लोगों को मिलने वाले हैं कई नए अवसर, हो जाएं तैयार